महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार 2005 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों के लिए अब पुरानी पेंशन योजना लागू करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके लिए तत्काल बैठक बुलाई है। इस बैठक के लिए विपक्षी नेताओं को भी न्योता दिया गया है। राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए आक्रामक रहे हैं और 14 मार्च से हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। इसी पृष्ठभूमि में एक अहम बैठक होने वाली है।
14 मार्च से हड़ताल पर जाने का आह्वान
राज्य सरकार के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। माध्यमिक और कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। फडणवीस ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर 13 मार्च को बैठक होगी। इसमें शामिल होने के लिए विपक्षी दलों को भी न्योता दिया गया है। साथ ही उपमुख्यमंत्री ने ट्रेड यूनियनों से 14 मार्च से बुलाई गई हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए कहा है कि चर्चा के लिए सरकार के दरवाजे खुले हैं।
सरकार की चिंंता
इस बारे में खुलासा करते हुए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वर्तमान में राज्य का आवश्यक व्यय, अर्थव्यवस्था का 56 प्रतिशत है। वेतन, पेंशन, कर्ज के ब्याज पर होने वाले इस खर्च को एक सीमा तक रखना जरूरी है। अब यदि पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाता है तो बजट का आवश्यक व्यय 83 प्रतिशत रहने की संभावना है।