\प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार (29 जुलाई) को प्रगति मैदान (Pragati Maidan) के भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में अखिल भारतीय शिक्षा समागम (All India Education Conference) का उद्घाटन किया। यह 2 दिवसीय सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) (NEP-2020) के शुभारंभ की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है। स्कूल छात्रों का इस तरह विकास करेगा कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की परिकल्पना के अनुरूप एक समतापूर्ण, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण में शामिल होने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में सक्षम और योगदान देने वाले नागरिक बनें।
उद्घाटन से पहले पीएम मोदी का ट्वीट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर एक लेख लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि कैसे भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों का केंद्र बनाने के लिए यह नीति तैयार की गई है। धर्मेंद्र प्रधान ने अपने लेख में कहा कि ज्ञान ही शक्ति है। भारत की समृद्ध ज्ञान क्षमता वेदों और उपनिषदों में स्पष्ट है, जो सदियों से ज्ञान के विशाल स्रोत के रूप में काम करते रहे हैं।
Looking forward to being a part of Akhil Bharatiya Shiksha Samagam, which marks #3YearsOfNEP. The National Education Policy has transformed the sector and given an impetus to innovation and research. It will benefit the youth for generations to come. https://t.co/5emWHvdVS7
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2023
पीएम मोदी ने बच्चों से की बातचीत
नई दिल्ली में अखिल भारतीय शिक्षा शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों से बातचीत की और एक प्रदर्शनी का दौरा किया। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम श्री योजना के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की।
शिक्षा देश का भाग्य बदलने वाली सबसे बड़ी ताकत: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये शिक्षा ही है जो देश को सफल बनाने की, देश की तकदीर बदलने की ताकत रखती है। आज 21वीं सदी में भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें हमारी शिक्षा प्रणाली का बहुत महत्व है।
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असली न्याय की शुरुआत युवा प्रतिभा से होती है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को समान महत्व दिया गया है। युवाओं को उनकी प्रतिभा के बजाय उनकी भाषा के आधार पर आंकना सबसे बड़ा अन्याय है। मातृभाषा में शिक्षा के कारण भारत की युवा प्रतिभा के साथ वास्तविक न्याय की शुरुआत होने जा रही है।
पीएम मोदी के अनुसार, कई वैश्विक विश्वविद्यालय भारत में अपना कैंपस खोलने के लिए तैयार हैं। गुजरात में दो ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के कैंपस खुलने वाले हैं। पीएम मोदी ने बताया कि, ”आज माता-पिता को अपने बच्चों को खुलकर उड़ने का मौका देना होगा, ताकि वे कुछ नया कर सकें। हमें बच्चों को किताबों के दबाव से मुक्त करना होगा।
भारत की परंपराओं में दुनिया की दिलचस्पी भी बढ़ रही है: पीएम मोदी
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा, ”हमें अपने स्कूल में पर्यावरण परिवर्तन जैसे मुद्दे से परिचित कराना होगा। हम शिक्षा व्यवस्था इस तरह तैयार करेंगे कि युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ें। भारत की परंपराओं में दुनिया की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। योग, कला, संगीत, साहित्य और संस्कृत के क्षेत्र में भविष्य की अपार संभावनाएं हैं। हमें युवा पीढ़ी को उनसे परिचित कराना है। इससे नये भारत का निर्माण होगा। जब देश आजादी के 100 साल पूरे करेगा तब हमारा देश विकसित होगा, जो आज स्कूलों में तैयारी कर रहे हैं, वही कल हमारे देश का भविष्य तैयार करेंगे।
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