महाराष्ट्र में पिछले नौ महीने में टीबी के 2 लाख 10 हजार 778 मरीज पाए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा मुंबई में मिले हैं। मुंबई में लगभग 59 हजार 521 यानी 28 प्रतिशत मरीज मुंबई और उपनगरों में पाए गए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई मूल्यमापन समितियां सभी जिलों व महानगरपालिकाओं में संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर अमल कर रही हैं। राज्य के 30 जिले और 23 महानगरपालिकाओं में संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में किए गए निरीक्षण में महाराष्ट्र में क्षय रोग की एक गंभीर तस्वीर सामने आई है।
ठीक से उपचार नहीं कराने से फैल रहा है संक्रमण
टीबी मरीजों द्वारा आधे पर इलाज छोड़ने की संख्या ज्यादा है। इन मरीजों द्वारा टीबी का संक्रमण फैल रहा है। बीते नौ महीने में अब तक विदर्भ में 34 हजार 265, पश्चिम महाराष्ट्र में 32 हजार 513, मराठवाडा में 22 हजार 61, उत्तर महाराष्ट्र में 33 हजार 713, कोकण में 38 हजार 705 और मुंबई में सबसे ज्यादा 59 हजार 521 टीबी के नए मरीज मिले हैं। मुंबई के परेल इलाके में सबसे ज्यादा 5 हजार 487 टीबी मरीजों की पुष्टि हुई है। इसी तरह दादर में 6 हजार 635, बैल बाजार रोड में 4 हजार 357 और भायखला में 3 हजार 722 टीबी के मरीज पाए गए हैं। निजी अस्पतालों में इलाज करानेवाले मरीजों को भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा देने की सुविधा है।
पोषण योजना के तहत दिए जाते हैं 500 रुपये
टीबी मरीजों को पोषण योजना के तहत 500 रुपये दिए जाते हैं। क्षय रोग व कुष्ठ रोग विभाग के सहायक निदेशक डॉ. आर. एस. अडकेकर के अनुसार पहले टीबी मरीज इलाज छोड़ देते थे। लेकिन अब हमारी मशीनरी टीवी मरीजों और उनके परिवारों के बारे में विस्तृत जानकारी लेती है और इलाज पूरा होने तक फॉलो-अप लिया जाता है। जिससे ठीक होने वाली मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।