माउंट मैरी चर्च (Mount Mary Church), जिसे आधिकारिक तौर पर बेसिलिका ऑफ आवर लेडी ऑफ द माउंट (Basilica of Our Lady of the Mount) के नाम से जाना जाता है, मुंबई (Mumbai) के बांद्रा (Bandra) में स्थित एक प्रसिद्ध रोमन कैथोलिक बेसिलिका (Roman Catholic Basilica) है। यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और स्थानीय लोगों और आगंतुकों दोनों के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। माउंट मैरी चर्च को खास बनाने वाले कुछ मुख्य पहलू इस प्रकार हैं।
माउंट मैरी चर्च की विशेषता क्या है?
चर्च से अरब सागर और शहर के क्षितिज का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। माउंट मैरी चर्च के नाम से लोकप्रिय, यह चर्च एक सदी से भी ज्यादा पुराना है।
ऐतिहासिक महत्व
ऐसा माना जाता है कि चर्च का निर्माण मूल रूप से 16वीं शताब्दी की शुरुआत में पुर्तगाली जेसुइट्स द्वारा किया गया था, हालांकि वर्तमान संरचना 1904 में पूरी हुई थी। बेसिलिका मदर मैरी को समर्पित है, और ऐसा कहा जाता है कि चर्च में रखी गई मैरी की मूर्ति 16वीं शताब्दी की है।
यह सदियों से आक्रमणों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता आया है, जिससे यह लचीलापन और विश्वास का प्रतीक बन गया है।
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माउंट मैरी मेला (बांद्रा मेला)
माउंट मैरी मेला, या बांद्रा मेला, मदर मैरी के जन्म का जश्न मनाने के लिए सितंबर में आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह मेला विभिन्न धर्मों और समुदायों के हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चलता है, और चर्च के आस-पास का क्षेत्र धार्मिक वस्तुओं, भोजन और अन्य सामान बेचने वाले स्टॉल से गुलजार हो जाता है। माउंट मैरी पर्व 8 सितंबर के बाद पहले रविवार को मनाया जाता है, जो मरियम के जन्म का प्रतीक है।
वास्तुकला सौंदर्य
बेसिलिका की वास्तुकला गॉथिक पुनरुद्धार शैली का एक सुंदर उदाहरण है। इसकी भव्य संरचना, रंगीन कांच की खिड़कियाँ और शांत वातावरण इसे पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाते हैं।
यह चर्च एक पहाड़ी पर स्थित है, जहाँ से अरब सागर और आसपास के बांद्रा क्षेत्र का शानदार नज़ारा दिखाई देता है।
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