मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 24 मई को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में ग्रामीण ऋण विमुक्त विधेयक को भी मंजूरी दी गई। इस निर्णय के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे छोटे किसान और भूमिहीन कृषि श्रमिकों, जिन्होंने गैर पंजीकृत साहूकारों से 15 अगस्त 2020 तक ऋण लिया है। उनका लिया गया ऋण माफ होगा। वहीं, राशि वसूली के लिए साहूकार द्वारा कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। इसके अलावा गिरवी रखी गई संपत्ति को लौटाना होगा।
गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक, 2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया। विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने के पूर्व राष्ट्रपति से अनुमति प्राप्त करने और विधानसभा से पारित कराने की कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया गया।
ये भी पढ़ें – बाबा की नगरी काशी का आधिकारिक 66वां जन्मदिन! जानिये, क्या कहते हैं जानकार
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अध्यादेश, 2022 का अनुमोदन किया। अध्यादेश को राज्यपाल से प्रख्यापित कराने की कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया गया। राजस्व मण्डल से संबंधित सभी मामले 2 या 2 से अधिक सदस्यों से मिल कर बनने वाली खण्डपीठ द्वारा सुने जा सकेंगे।
1208 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना
मंत्रि-परिषद ने रामपुरा मनासा सूक्ष्म उदवहन सिंचाई परियोजना के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना की लागत राशि 1208 करोड़ 89 लाख रूपये है। इस परियोजना की रबी के लिए सिंचाई क्षमता 65 हजार 400 हेक्टेयर होगी। परियोजना से मनासा तहसील के 215 ग्रामों के कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।
29 हजार 400 करोड़ की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति और वर्तमान जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिये वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु धन राशि उधार लेने के लिए 29 हजार 400 करोड़ रुपये की निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति प्रदान की। शासकीय प्रत्याभूति के संस्थावार पुनर्आवंटन एवं खाद्यान्न साख-सीमा के संचालन की समय-समय पर कार्यवाहियों के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।
किसानों को वित्तीय सहायता के लिए 17 हजार करोड़
मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को फसल हानि/क्षति होने पर वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 17 हजार 72 करोड़ 30 लाख रुपये का वित्तीय आकार निर्धारित करते हुए निरंतर रखे जाने का निर्णय लिया। इसमें 2020-21 से 2022-23 तक के लिये 8 हजार 410 करोड़ रुपये केन्द्रांश एवं 8 हजार 410 करोड़ रुपये राज्यांश और राज्यांश राशि का 3 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय राशि रूपये 252 करोड़ 30 लाख रुपये शामिल है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा आदि अनापेक्षित घटनाक्रम के कारण फसल हानि/क्षति से पीडित किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना एवं किसानों की आय को सुनिश्चित करना है, ताकि वे अपने कृषि कार्य को जारी रख सके। फसल कटाई प्रयोगों के आयोजन में नवीन तकनीकों जैसे स्मार्ट सेम्पलिंग, रेमोट सेंसिंग आदि का उपयोग किया जायेगा।
ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा से उत्पादित विद्युत की निकासी के लिए म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ग्रीन इनर्जी कॉरिडोर परियोजना में किए जा रहे पारेषण कार्यों के वित्त पोषण हेतु मेसर्स के.एफ. डब्ल्यू, जर्मनी से स्वीकृत ऋण राशि 124 मिलियन यूरो का संपूर्ण उपयोग करने की सहमति दी।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना
मंत्रि-परिषद् द्वारा सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण), जिला खण्डवा 2X660 मेगावॉट की पुनरीक्षित लागत 7 हजार 738 करोड़ रूपये का अनुमोदन दिया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि परियोजना लागत पुनरीक्षण के पूर्व के वित्त पोषण की व्यवस्था यथा 80 प्रतिशत राशि पीएफसी से ऋण के द्वारा तथा 20 प्रतिशत की राशि राज्य शासन की अंशपूँजी से, को समान अनुपात में पुनरीक्षित लागत हेतु जारी रखने का अनुमोदन किया।
24 हजार करोड़ से अधिक की कार्य-योजना का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद् द्वारा रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) में वितरण कंपनियों की 24 हजार 170 करोड़ रुपये की कार्य-योजना को स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें प्रदेश की तीनों विद्युत् वितरण कंपनियों द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग एवं सिस्टम मीटरिंग के लिए 8 हजार 736 करोड़ रुपये, वितरण हानियों में कमी के लिए 9 हजार 265 करोड़ रूपये तथा वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 5 हजार 909 करोड़ रूपये के कार्य किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त परियोजना की मॉनिटरिंग के लिए 260 करोड़ रुपये का प्रावधान भी कार्य-योजना में किया गया है।
वनों का संरक्षण
मंत्रि-परिषद ने वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु जन-सहयोग प्राप्त करने के लिए राज्य शासन के संकल्प दिनांक 22 अक्टूबर, 2001 की कण्डिका 11.1.3 को प्रतिस्थापित करते हुए राज्य शासन के काष्ठ के विदोहन से प्राप्त होने वाली काष्ठ की बिक्री से प्राप्त राजस्व की 20 प्रतिशत राशि संयुक्त वन प्रबंधन समिति को देने के निर्णय को वित्तीय वर्ष 2022-23 से उक्त संकल्प में समाविष्ट किया है।
संपत्ति का निर्वर्तन
मंत्रि-परिषद ने म.प्र. सड़क परिवहन विभाग की वार्ड क्र. 5, गोरतरा रोड जिला शहडोल स्थित शहडोल बस डिपो परिसम्पत्ति कुल क्षेत्रफल 19 हजार 140 वर्गमीटर के निर्वर्तन के लिए H-1 निविदाकार की निविदा बोली मूल्य 9 करोड़ 23 लाख 12 हजार रूपये का अनुमोदन किया। H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के बाद अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी।
अन्य निर्णय
मंत्रि-परिषद ने नव गठित जिला-निवाड़ी में स्थानीय निर्वाचन कार्यालय के लिए 5 अस्थाई पदों का सृजन 28 फरवरी 2023 तक करने और वित्तीय भार के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया।