प्री पैक्ड और प्री लेबल्ड खाद्यान्न पर जीएसटी लगाने का प्रदेश के व्यापारी लगातार विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद यह निर्णय 18 जुलाई से प्रदेश में भी लागू हो गया। नई व्यवस्था के चलते अब इन वस्तुओं के प्रदेश में परिवहन पर भी ई-वे बिल लेना अनिवार्य हो जाएंगे। प्रदेश के अंदर एक जिले से दूसरे जिले में 1 लाख रुपए से अधिक कीमत का माल ले जाने पर और मध्यप्रदेश से किसी अन्य प्रदेश में 50 हजार रुपए से अधिक का माल ले जाने पर अब ई-वे बिल अनिवार्य हो गया है।
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देश और प्रदेश में 18 जुलाई से लागू हो रही नई व्यवस्था के अनुसार प्री पैक्ड, प्री लेबल्ड खाद्यान्न का व्यापार करने वाली कंपनी का टर्नओवर यदि 1 जुलाई 2017 से लेकर 31 मार्च 2022 के बीच कभी भी 20 करोड़ से ऊपर होता है, तो उक्त कंपनी को बी2-बी करयोग्य विक्रय करने पर ई- इनवॉइस जारी करना भी जरूरी हो जाएगा। इसका असर उन सभी व्यापारियों पर पड़ेगा, जो अनरजिस्टर्ड ब्रांडेड खाद्यान्न का कारोबार कर रहे हैं। साथ ही ई-इनवॉइस जारी करने के लिए अब उक्त व्यापारियों को ई-इनवॉइस के पोर्टल पर भी एनरोलमेंट करवाना जरूरी हो गया है।
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