जंगल में साढ़े चार घंटे खड़ी रही रामायण एक्सप्रेस, ये है कारण

भोपाल रेल मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी सूबेदार सिंह ने बताया कि नागपुर मंडल में कोई वजह रही होगी, इसी कारण ट्रेन को चलाना पड़ा, हमारे पास इसकी नागपुर मंडल से कोई सूचना नहीं थी।

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दक्षिण भारत से लौट रही रामायण एक्सप्रेस पर्यटन ट्रेन 7 जुलाई को इटारसी जंक्शन के पास जंगल में छोटे स्टेशन कीरतगढ़ पर साढ़े चार घंटे खड़ी रही। इसकी वजह से ट्रेन में सवार श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस ट्रेन में करीब 156 यात्री हैं। यह ट्रेन दिल्ली, जबलपुर, इटारसी होकर पिछले दिनों दक्षिण भारत के पर्यटन स्थलों के लिए रवाना की गई थी।

बताया जा रहा है कि ट्रेन को नागपुर रेल मंडल ने निर्धारित समय से पहले रवाना कर दिया था, लेकिन भोपाल मंडल ने समय से पहले ट्रेन को लेने से मना कर दिया। इसकी वजह से ट्रेन को जंगल में रोकना पड़ा। निर्धारित समय के अनुसार इस ट्रेन को 7 जुलाई की शाम पांच बजे इटारसी और 7 बजे भोपाल पहुंचना था, लेकिन ट्रेन नागपुर से चलकर साढ़े चार घंटे पहले ही दोपहर करीब 12 बजे इटारसी आउटर कीरतगढ़-ताकू पहुंच गई थी। इटारसी स्टेशन के प्लेटफार्म पर साढ़े चार घंटे तक ट्रेन को खड़ी रखना संभव नहीं था। इस कारण रामायण एक्सप्रेस को करीब साढ़े चार घंटे जंगल के एक छोटे स्टेशन कीतरगढ़ पर खड़ा किया गया। शाम 5:08 मिनट पर इस ट्रेन को इटारसी के प्लेटफार्म दो पर लाया गया, यहां से 5:24 मिनट पर ट्रेन को रवाना किया गया।

ये है कारण
सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड और मोदी सरकार की निगरानी वाली इस वीआइपी ट्रेन का पूरा प्लान पहले से तय था। इसके बावजूद ट्रेन को नागपुर से पहले चला दिया गया। ट्रेन में नागपुर से यातायात निरीक्षक रेलवे भी साथ आए थे। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास इस ट्रेन को खड़ी करने की गुंजाइश नहीं थी, इसी वजह से इसे आउटर पर खड़ा करना पड़ा। भोपाल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि नागपुर मंडल में कोई वजह रही होगी, तभी इसे समय पूर्व चलाया गया। इटारसी आउटर पर आने के बाद चालक दल रोक-रोककर इसे स्टेशन तक लाए, इसके बावजूद श्रद्धालुओं को जंगल में साढ़े चार घंटे बेवजह इंतजार करना पड़ा।

 पूरी तरह वातानुकूलित है ट्रेन
इधर समय पूर्व ट्रेन के इटारसी आगमन को लेकर आरपीएफ-जीआरपी का खुफिया विभाग एवं पुलिस बल सतर्क रहा। ट्रेन के इटारसी आने पर अधिकारियों ने ट्रेन को अटेंड किया, साथ ही सुरक्षा जांच समेत अन्य वैधानिक कार्रवाई पूरी कर इसे रवाना किया। यह ट्रेन पूरी तरह वातानुकूलित है।

समन्वय की कमी उजागर
भोपाल रेल मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी सूबेदार सिंह ने बताया कि नागपुर मंडल में कोई वजह रही होगी, इसी कारण ट्रेन को चलाना पड़ा, हमारे पास इसकी नागपुर मंडल से कोई सूचना नहीं थी। निर्धारित समय से पहले आने से इस ट्रेन को रोका गया, जब जबलपुर-इटारसी होकर ट्रेन नागपुर गई थी, तब हमें इसकी जानकारी दी गई थी।

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टाइम कवर करने के लिए रोकी गई ट्रेन
इस मामले में नागपुर मंडल के अधिकारियों ने कहा कि हमारे कंट्रोल रिकार्ड में कीरतगढ़ स्टेशन पर ट्रेन आगमन समय 3:25 मिनट एवं प्रस्थान समय 4:40 मिनट दर्ज है। ट्रेन समय से पहले चल रही थी, इस वजह से इसे कवर टाइम ज्यादा दिया गया था। भोपाल मंडल ने समय पूर्व ट्रेन लेने से मना किया, इस वजह से ट्रेन रोकी गई। बैतूल स्टेशन से यह ट्रेन 10:26 मिनट पर चलाई गई थी, बैतूल से इटारसी स्टेशन का रास्ता ही महज दो घंटे का है। कीरतगढ़ स्टेशन पर ट्रेन को लंबे समय तक खड़ा रखा गया।

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