महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर की सुनामी से हाहाकार मचा हुआ है। इस खतरनाक वायरस की चपेट में सिर्फ आम आदमी ही नहीं, कोरोना योद्धा भी आ रहे हैं। मुंबई में अब तक इस वायरस की चपेट में आकर 104 पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं। 23 अप्रैल को भी मुंबई के एक पुलिस कांस्टेबल की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई।
इससे पहले 12 अप्रैल को मुंबई के वकोला के पुलिस उप-निरीक्षक मोहन दगड़े की कोरोना में मृत्यु हो गई थी। 23 अप्रैल को 41 वर्षीय सुभाष जाधव (पुलिस कांस्टेबल) की मौत के साथ ही इस वायरस से मरनेवाले पुलिसकर्मियों की संख्या 104 हो गई है। जाधव जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन में तैनात थे।
इस वर्ष तीसरी मौत
इस वर्ष कोरोना से पुलिस की होनेवाली यह तीसरी मौत है। इसी के साथ मुंबई पुलिस बल में कोरोना से मृत्यु का आंकड़ा पिछले एक साल में बढ़कर 104 हो गया है। इस बीच लगभग 38,000 हजार पुलिसकर्मी, वैक्सीन की पहली और 20,351 टीका की दूसरी खुराक ले चुके हैं।
ये भी पढ़ेंः भ्रष्टाचार मामला: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री के घर से गए गट्ठर खोलेंगे राज?
पुलिस को ज्यादा खतरा
मुंबई में एक बार फिर कोरोना विस्फोट ने सरकार के साथ ही प्रशासन की भी नींद हराम कर दी है। पिछले करीब डेढ़ महीने से पूरे प्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इस हालत में एक बार फिर पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ गई है। क्योंकि तमाम तरह की पाबंदियों के बीच और लॉडाउन में उसे सड़क पर उतरकर अपना फर्ज निभाना पड़ता है।
1 मई तक लॉकडाउन
बता दें कि प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए कड़े प्रतिबंध के साथ 22 अप्रैल से 1 मई तक लॉकडाउन की घोषणा की है। इस स्थिति में लोगों को भले ही घरों में रहना हो, लेकिन पुलिस को बाहर निकलकर अपनी ड्यूटी निभाने की मजबूरी है। इस वजह से दूसरे लोगों की अपेक्षा उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है।
पुलिस आयुक्त की सलाह
कुछ दिनों पहले मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने पुलिस को आदेश दिया है कि वे अपना ध्यान रखते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें।