Mumbai: यह स्पष्ट हो गया है कि ब्रिटिश काल से मुंबई महानगरपालिका सीमा(Mumbai Municipal Corporation limits) के भीतर एक निश्चित आरक्षित क्षेत्र(fixed reserve area) में व्यवसाय करने वाले लाइसेंस प्राप्त स्टॉल धारकों (Licensed stall holder)को 25 वर्षों के बाद आखिरकार न्याय मिलेगा। भाजपा विधायक संजय केलकर(BJP MLA Sanjay Kelkar) ने 22 दिसंबर को बताया कि वर्तमान सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी और बीएमसी से बात की थी। स्टॉल धारकों की मांगों को लेकर अपर आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी ने भी सकारात्मक रुख अपनाया है।
बताया जाता है की मुंबई महानगरपालिका सीमा के अंतर्गत आरक्षित क्षेत्रों में करीब 4120 स्टॉल धारकों के पास ब्रिटिश काल के लाइसेंस(British era licenses) हैं। इन स्टॉल धारकों से विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं के बदले शुल्क वसूला जा रहा है। प्रशासन ने 1997 में इन स्टॉल धारकों को खरीद-फरोख्त का अधिकार भी दे दिया था। ट्रांसफर शुल्क के तौर पर मनपा ने विभाग के आधार पर 5 हजार से 40 हजार रुपये तक वसूले हैं, लेकिन पिछले 12 साल से मनपा ने लाइसेंस ट्रांसफर पर रोक लगा रखी है।
आर्थिक रूप से कमजोर हैं स्टॉल धारक
दरअसल सभी स्टॉल धारक आर्थिक रूप से कमजोर हैं और कई स्टॉल धारक विभिन्न बीमारियों और बुढ़ापे के कारण किराया देने में असमर्थ हैं। नतीजा यह होता है कि सर्वे में मूल धारकों के शामिल नहीं होने पर प्रशासन द्वारा उनका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाता है।इधर . स्थानांतरण प्रतिबंध के कारण इन स्टॉलों की कीमत शून्य हो गई है, जिससे स्टॉल धारकों और उनके परिवारों का भविष्य असुरक्षित हो गया है। ऐसी विभिन्न समस्याओं से पीड़ित स्टॉल धारकों ने अंततः विधायक संजय केलकर से अपनी पीड़ा व्यक्त करने और उनकी मांगों को और अधिक जरूरी बनाने का अनुरोध किया।
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विधायक केलकर ने स्टॉल धारकों का रखा था पक्ष
सम्मेलन में बीजेपी के ठाणे से विधायक केलकर ने इन हजारों स्टॉल धारकों का पक्ष रखा। साथ ही उन्होंने हाल ही में मुंबई महानगरपालिका के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. अश्विनी जोशी से मुलाकात की और इस बारे में चर्चा की। इस मौके पर आदर्श बीएमसी स्टॉल लाइसेंस होल्डर्स यूनियन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
छोटी दुकान का मिलेगा दर्जा
स्टॉल धारकों को छोटी दुकानों का दर्जा दिया जाए, यदि सर्वे के दौरान लाइसेंस धारक उपस्थित नहीं होते हैं तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए और जमानत जब्त कर ली जाए। ऐसी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए । ठाणे के विधायक केलकर ने मांग उठाई कि खरीद-बिक्री के हस्तांतरण पर लगी रोक हटायी जाये, नवीनीकरण किया जाये, बकाया वसूली में रियायत दी जाये, स्टॉल किराया ऑनलाइन भुगतान की सुविधा दी जाये, या छह माह का संयुक्त किराया देने की अनुमति दी जाये.। इस अवसर पर श्रीमती जोशी ने स्टॉल धारकों की मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाया। ऐसे में एक उम्मीद भरी तस्वीर सामने आई है कि जल्द ही इन स्टॉल वालों को चिंता से मुक्ति मिल जाएगी।