जल बचाओ अभियान के अंतर्गत कुछ काम हो रहे हैं तो कई जगह सिर्फ नाम हो रहे हैं। इस बीच मुंबई के पश्चिमी उपनगर में स्थित चारकोप की सोसायटी ने घरों में जल बचाओ का अनूठा तरीका अपनाया है। सोसायटी ने नलों से टपकने वाली बूंदों पर बंदिश लगाकर पानी के अनर्गल नुकसान पर रोक लगाने की योजना बनाई और उसके परिणाम से वे सभी प्रफुल्लित हैं।
चारकोप सेक्टर 8 की अमिषा को-ऑपरेटिव सोसायटी ने इसके लिए प्रत्येक फ्लैट के जल उपयोग का हिसाब रखने की योजना बनाई। जिसमें जो जितना पानी का उपयोग करेगा उतना ही पैसा भरेगा। इसके लिए हर घर में पानी का मीटर लगा दिया गया
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फ्लैट में मीटर लगानेवाली पहली सोसायटी
इस सोसायटी में 84 फ्लैट हैं, जहां अन्य सोसायटी की तरह ही मुंबई महानगर पालिका द्वारा जल वितरण होता है। उसका एक मीटर है। जिसका सोसायटी शामिलाती रूप से भुगतान करती है। परंतु, इस इमारत के लोगों ने जल बचाने के उद्देश्य से एक अभिनव योजना पर विचार किया। जिसमें प्रत्येक प्लैट में एक पानी का मीटर लगाया गया। इससे किस फ्लैट मे कितने पानी का उपयोग हो रहा है इसका हिसाब मिलने लगा।
…और हुआ बिल का बोझा कम
घर में मीटर लगने के बाद लोगों के पानी के उपयोग में आश्चर्यजनक गिरावट आई है। लगभग 50 प्रतिशत उपयोग में घटोत्तरी हो गई, जबकि अपने उपयोग के अनुसार बिल भरने के कारण अधिकांश लोगों के पानी के बिल के भुगतान में 60 प्रतिशत को कमी भी हुई है।
अभिनव योजना मिलना चाहिए प्रोत्साहन
यह एक अच्छा प्रयत्न है, इसे प्रोत्साहन मिलना चाहिए। यदि सभी सोसायटी ऐसा करें तो शहर का लाखो मीलियन लीटर पानी प्रतिदिन बचेगा और लोगों को पानी की कमी नहीं झेलनी पड़ेगी। जल बचाओ का यह एक उत्तम प्रयोग है।
सुशील मिश्रा – जलधारा, मीरा रोड
नलों की मरम्मत की
अमिषा सोसायटी के मनुभाई पटेल कहते हैं, सोसायटी के फ्लैटों के 40 प्रतिशत नल खराब थे। इससे लगातार पानी की बूंदे टपकती थी। लेकिन जैसे ही पानी का निजी मीटर लगा, लोगों ने अपने टपकते नलों को सही करा लिया। जिससे इस योजना का पहला चरण ही सफल हो गया, इसके बाद पानी के उपयोग ने सच्चाई को सामने ला दिया।