Mumbai के पास घारापुरी गुफामें ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भव्य मूर्तियां हैं, यहां एक प्राचीन शिवलिंग भी है। हिंदुओं की सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक स्थल तथा केंद्रीय पुरातत्व विभागके अधिकार क्षेत्र में आनेवाले घारापुरी गुफाओं के शिवमंदिरमें महाशिवरात्रि से नियमित पूजा का अधिकार दो, यह मांग महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों ने दादर में हुए आंदोलन में की।
6 मार्च को दादर (प) में आयोजित में बड़ी संख्या में विभिन्न मंदिरों के विश्वस्त, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ, वज्र दल, श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान, श्रीशिव राज्याभिषेकदिनोत्सव समिती दुर्गराज, रायगढ, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था आदी हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि, भक्त और हिन्दू धर्मप्रेमियों ने भाग लिया। इस समय प्रदर्शनकारियों ने हाथों में प्रबोधन फलक लेकर नारे भी लगाए। भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्री को देनेवाले ज्ञापन पर लोगों के हस्ताक्षर लिए गए जिस पर लोगों से भी अच्छा प्रतिसाद मिला।
भारतीय मूर्तिकला का सर्वोत्तम उदाहरण
घारापुरी की गुफाएं भारतीय मूर्तिकला का सर्वोत्तम उदाहरण मानी जाती हैं। यह गुफा केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में है और वर्तमान में यहां शिवलिंग की पूजा बंद है। 15 फरवरी को घारापुरी गुफाओं के शिवलिंग की प्रतीकात्मक पूजा कर यहां नियमित पूजा का अधिकार दिलाने के लिए हिन्दू संगठनों ने जन आंदोलन कर केंद्र सरकार से मांग की थी। अब पुनः एक बार दादर के आंदोलन में घारापुरी गुफाओं में शिवलिंग की नियमित पूजा शुरू करने की मांग के साथ ही केंद्रीय पुरातत्व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले सभी हिन्दू धार्मिक स्थलों पर में पूजा की अनुमति देने की मांग की गई है।
अन्य मांगें
पुरातत्त्व विभाग के अंतर्गत अनेक जगह पर धार्मिक स्थलों के पास हुए अतिक्रमण हटाकर वहां प्रवेश हेतु लगनेवाला शुल्क बंद हो और ‘प्रवेश निशुल्क’ हो तथा उसकी पवित्रता रखने के लिए जूता-चप्पल के साथ प्रवेश रोका जाए। साथ ही कम कपड़ों के साथ दर्शन पर प्रतिबंध लगाया जाने की भी मांग की गई। पवित्रता की रक्षा करनेवाली आचारसंहिता पुरातत्व विभाग और केंद्र सरकार तत्काल लागू करे, ये मांगें भी इस समय की गईं। सभी मांगें पूर्ण होने तक महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से जनआंदोलन जगह-जगह जारी रखने की घोषणा भी गई।