मुंबई महानगरपालिका ने महानगर में बड़ी मात्रा में कचरा उत्पन्न करने वाली हाउसिंग सोसाइटियों को गीले और सूखे कचरे को अलग कर वहीं निस्तारण करने का नोटिस जारी किया है। मुंबई में कुल 3,367 सोसाइटियों को इस तरह से कचरे का निस्तारण करने का निर्देश दिया गया है, जिनमें से केवल 1,696 सोसाइटी ही अपने कचरे का निस्तारण कर रही हैं। 1,671 सोसाइटियों में कचरे का अभी भी निस्तारण नहीं किया जाता है। इसलिए इनमें से 1 हजार 325 सोसाइटी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इन सोसाइटियों से जनवरी 2018 से अब तक 45 लाख रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है।
ऐसी सोसाइटियों पर कार्रवाई
मुंबई में कोविड के प्रकोप के बाद से कई बड़ी सोसाइटियों में कचरे की छंटाई और साइट पर ही निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं। अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2016 के अनुसार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित ज्यादा अपशिष्ट जनरेटर सोसाइटियों को नोटिस जारी किया गया है और उन्हें कचरे के निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, कुल 3,367 सोसाइटियों में से 50 प्रतिशत ने इसे लागू नहीं किया है। इसके चलते उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है। उसके बाद भी यह बात सामने आई है कि इस कचरे का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसके बावजूद महानगरपालिका द्वारा ऐसी सोसाइटियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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10 साल की योजना
शिवसेना नगरसेवक सचिन पड़वल ने मांग की थी कि मनपा मुंबई के विकास योजना के लिए ठोस कचरा प्रबंधन हेतु 10 साल की योजना तैयार करे। अधिसूचना के अनुसार, बीएमसी ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 10 वर्षीय योजना तैयार करने के लिए अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी कंपनी को नियुक्त किया है। इस योजना की रुपरेखा मई 2022 के अंत तक प्राप्त हो जाएगी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट विभाग ने साफ कर दिया है कि इस योजना के तहत जीरो वेस्ट अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जाएगा।