Mumbai के दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर ऑडिटोरियम में 11 सितंबर को “भारत गौरव दिवस” के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी और “स्वामी विवेकानंद” के जीवन पर आधारित नाटक का आयोजन किया गया। यह आयोजन 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो, अमेरिका में विश्व धर्म संसद में दिए गए ऐतिहासिक भाषण की स्मृति में किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे थे, जबकि स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की सदस्य सरस्वती भी कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल व्यास पंडित वेदांत जी द्वारा श्री रामचरितमानस के पाठ से हुआ, जिसे सभागृह में उपस्थित सभी लोगों ने अत्यंत सराहा।
स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित कलाकृतियों का प्रदर्शन
इस अवसर पर स्वामी विवेकानंद के जीवन और संवाद पर आधारित सुप्रसिद्ध चित्रकार मनजीत सिंह द्वारा बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी। कार्यक्रम में एनएनएस और महाविद्यालयों के 300 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए।
युवाओं को विवेकानंद के विचारों से अवगत कराना था उद्देश्य
इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों से परिचित कराना था ताकि वे उनके विचारों को अपने जीवन में उतार सकें। नाटक में स्वामी विवेकानंद और लोकमान्य तिलक के बीच हुए गहन तथा हृदयस्पर्शी संवाद को प्रस्तुत किया गया, जिसे मुंबई के प्रख्यात रंगकर्मी मुजीब खान ने निर्देशित किया। खान का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड वाइड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
यह आयोजन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। इसमें उन्हें स्वामी विवेकानंद के प्रेरक विचारों से अवगत होने का अवसर मिला। राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास संस्था के अध्यक्ष नीरज कुमार की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
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