मुंबई में पुलिसवालों की उठापटक चल ही रहा है। इस बीच पुन: 26 पुलिस निरिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है। इस बार अपराध शाखा के सभी यूनिट के प्रभारी पद पर नए निरिक्षकों की तैनाती इस स्थानांतरण के माध्यम से की गई है। जिसके बाद 26 पुलिस निरिक्षकों को अपने कार्यालय का नया पता मिला है।
इसके पहले अपराध अन्वेषण शाखा के सभी विभागों के प्रभारी बदले गए थे। विवादों में घिरे सचिन वाझे के गुप्तवार्ता विभाग के प्रभारी पद पर पुलिस निरिक्षक मिलिंद काठे की नियुक्ति की गई है।
अपराध शाखा में भी हुए थे बड़े बदलाव
इसके पहले मुंबई में अपराध अन्वेषण विभाग के 65 अधिकारियों समेत 86 कर्मियों का स्थानांतरण हुआ था। पुलिस विभाग में पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण हो रहे हैं।
आरोपों से मलिन हुई प्रतिमा
सचिन वाझे की गिरफ्तारी और पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों के बाद मुंबई पुलिस में परिस्थितियां तेजी से बदली हैं। जिस मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस से की जाती थी उस पुलिस की जांच पर अब संदेह किया जाता है। सुशांतसिंह राजपूत की मौत, दिशा सालियन की मौत और उसके बाद उसकी सीडी गायब होना आदि ऐसे प्रकरण हैं जिनसे मुंबई पुलिस की जांच प्रणाली पर प्रश्न खड़े होने लगे थे। इन परिस्थितियों के मध्य सचिन वाझे के प्रकरण ने पुलिस की प्रतिमा को सड़क से संसद तक मलिन कर दिया, इसमें रही सही कसर पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम ने पूरा कर दिया। जिसमें गृह मंत्री पर ही मुंबई के बार, रेस्टॉरेंट और प्रतिष्ठानों से सौ करोड़ रुपए की वसूली के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा था।