Mumbai: ‘स्मार्ट’ की ओर से मुंबई बचाओ कार्यक्रम का सफल आयोजन, वक्ताओं ने खतरों से किया आगाह

जय महाराष्ट्र समाचार के संपादक प्रसाद काथे ने मुसलममानों की बढ़ती संख्या की ओर इशारा करते हुए इस मुद्दे पर प्रकाश डाला कि कैसे जनसांख्यिकीय में भारी बदलाव हो रहा है।

238
xr:d:DAFy6mFdrvo:1573,j:3837491105426615467,t:24040812

Mumbai: 7 अप्रैल 2024 को, स्मार्ट, एक गैर-लाभकारी संगठन, ने मुंबई में नकली सामानों के विरोध, ड्रग्स और जनसांख्यिकी परिवर्तन से “मुंबई बचाओ” विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल की।

इस कार्यक्रम में अधिवक्ता, संपादक, सामाजिक कार्यकर्ता और क्राइमोफोबिया जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को सार्थक बनाया। कार्यक्रम के आयोजकों द्वारा स्नेह के प्रतीक के रूप में फूलों का गुलदस्ता देकर उनका अभिनंदन किया गया।

 व्यर्थ आंदोलनों के कारण भारी नुकसान
कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई और फिर पहले वक्ता वी.एस. इचलकरकरंजीकर, जो एक वकील हैं, ने कहा कि कैसे रोमिला थापर का नाम लेकर फर्जी याचिकाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने गलत सूचना और दुष्प्रचार के बारे में भी बात की तथा अंत में कहा कि शायद अगले 4-5 महीनों में फर्जी याचिकाएं एक बड़ा मुद्दा बन जाएंगी, क्योंकि आज के समय में करोड़ों का नुकसान बौद्धिक आतंकवाद के कारण नहीं, बल्कि आंदोलनों के कारण होता है। चाहे वह किसान विरोध हो या सीएए विरोध, लोग आंदोलन में अधिक सक्रिय हैं, जो सरकार के लिए बड़ी परेशानी बन गया है।

लड़कियो के रहने के लिए परिवार ही आखिरी विकल्प
सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति राउत ने उदाहरण दिया कि कैसे उन्होंने और उनकी टीम ने लड़कियों के खिलाफ होने वाले अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उनका मकसद लव जिहाद के खिलाफ लड़ना है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लड़कियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए, भले ही वह अपने घर से भागने की कोशिश करें क्योंकि परिवार ही उनके पास रहने का आखिरी विकल्प है। उनकी प्रेरणादायक और दिल को छू लेने वाली कहानियां हर किसी के दिल को छू गईं। लोगों ने खूब तालियां बजाईं।

Lok Sabha Elections 2024: वायनाड में राहुल गांधी ने मिलाया आतंकी संगठन से हाथ? जानिये, स्मृति ईरानी ने लगाया क्या आरोप

हिंदू मतदाताओं की संख्या में गिरावट
इसके बाद, जय महाराष्ट्र समाचार के संपादक प्रसाद काथे ने मुसलममानों की बढ़ती संख्या की ओर इशारा करते हुए इस मुद्दे पर प्रकाश डाला कि कैसे जनसांख्यिकीय में भारी बदलाव हो रहा है। उन्होंने पूछा, 120 करोड़ भारतीयों में से कितने हिंदू और कितने मुसलमान हैं बताएं? उन्होंने यह भी बताया कि कैसे गैर-हिंदुओं को मुसलमानों में परिवर्तित किया जा रहा है और उन्हें मतदाताओं के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे हिंदू मतदाताओं की संख्या में गिरावट आ रही है। इसलिए हम खतरे में हैं और हमें इसका संज्ञान लेना चाहिए। एक समय ऐसा आएगा जब हमें अपने ही घर से बाहर निकाल दिया जाएगा।

लैंड जिहाद एक बड़ी समस्या
बाद में क्राइमोफोबिया पर काम करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहिल ढल्ल ने सभी समस्याओं को पूरी तरह से स्पष्ट करने की कोशिश की और केस स्टडी के माध्यम से प्रदर्शित किया, जिस पर वह अभी भी काम कर रहे हैं – “कैसे आरे और उसके किनारे के क्षेत्रों पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया है, जो कि हिंदू थे। लैंड जिहाद का एक मामला है।” उन्होंने आगे कहा कि आस-पास के इलाकों में नशीली दवाओं के विक्रेता भी बढ़ रहे हैं, ऐसी संभावना है कि बॉलीवुड में मारिजुआना घर-घर पहुंच चुका है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.