बीडीडी परियोजना को लेकर इस मांग पर लगी मुहर, अड़चन दूर

मुंबई में एन.एम. जोशी मार्ग, नायगांव और वर्ली में बीडीडी चाल का पुनर्विकास म्हाडा के मुंबई बोर्ड के माध्यम से किया जा रहा है।

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मुंबई के बीडीडी चाल पुनर्विकास परियोजना में बीडीडी के झोपड़ाधारकों और दुकानदारों के लिए राहत की खबर है। महाराष्ट्र सरकार ने झोपड़ाधारको और दुकानदारों को भी परियोजना में समायोजित करने का निर्णय लिया है और पात्रता निर्धारण प्रक्रिया की घोषणा कर दी गई है।

की गई थी मांग
एन.एम. जोशी मार्ग, नायगांव और वर्ली में बीडीडी चाल का पुनर्विकास म्हाडा के मुंबई बोर्ड के माध्यम से किया जा रहा है। इस पुनर्विकास में झोपड़ाधारकों और दुकानदारों को भी समायोजित करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए संबंधित विभागों को झोपड़ीधारकों व दुकानदारों की पात्रता निर्धारित करने का आदेश दिया। लेकिन यह निश्चित नहीं था कि उसके लिए कौन से सबूत या दस्तावेज़ जमा किए जाएं। हालांकि पुनर्विकास में मलिन बस्तियों को स्लम पुनर्वास योजना के तहत शामिल करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किए जाने से झुग्गी मालिक और दुकानदार चिंतित थे। लेकिन अब उनकी चिंता दूर होने वाली है।

दिया गया अंतिम रूप
राज्य सरकार ने झुग्गीवासियों और दुकानदारों के लिए पात्रता मानदंड को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार ने दस्तावेजों की सूची की घोषणा की है और इसके अनुसार बीएमसी से जुर्माने की रसीद, महानगरपालिका की सर्वेक्षण रसीद, महानगरपालिका द्वारा दुकानदारों, स्टॉल धारकों को जारी किया गया नोटिस, जिलाधिकारी द्वारा जारी नोटिस, मुंबई विकास विभाग चाल के निदेशक या प्रबंधक द्वारा जारी की गई नोटिस या जुर्माना रसीद, मुंबई विकास विभाग चाल के निदेशक या प्रबंधक द्वारा रिकॉर्ड में नियमितीकरण के आदेश की प्रति, इन छह प्रमाण पत्रों में से कोई भी तीन प्रमाण पत्र झोपड़ाधारकों और दुकानदारों को प्रस्तुत करना होगा।

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