Mumbai University Convocation Ceremony: मुंबई विश्वविद्यालय का वार्षिक दीक्षांत समारोह मंगलवार, 7 जनवरी को राज्यपाल राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सर कावसजी जहांगीर दीक्षांत समारोह हॉल में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के प्रमुख के रूप में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय करंदीकर उपस्थित थे। इस अवसर पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा तथा संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील, कौशल, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, अमेरिका में सेंट लुइस विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डाॅ. फ्रेड पेस्टेलो, कुलपति, मुंबई विश्वविद्यालय प्रो. रवीन्द्र कुलकर्णी, प्र. कुलपति डाॅ. अजय भामरे, रजिस्ट्रार डाॅ. प्रसाद करांडे और अन्य उपस्थित थे।
मानसी करंदीकर को साइंस में सबसे ज्यादा अंक
इस दीक्षांत समारोह (मुंबई यूनिवर्सिटी कन्वोकेशन) में हर साल विज्ञान के क्षेत्र में विशेष उत्कृष्टता हासिल करने वाले छात्र को ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर मेमोरियल गोल्ड मेडल’ से सम्मानित किया जाता है। इस साल चिपलुन तालुका की मानसी करंदीकर ने एम.एससी. पूरी की है। उन्हें यह छात्रवृत्ति विज्ञान में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रदान की गई।
वीर सावरकर के विचारों पर भारत भर में फैलाना चाहिएः मानसी करंदीकर
हमें अपने देश में वीर सावरकर के विचारों को आगे बढ़ाना चाहिए, उनके विचारों से हमें सही मायने में विकसित भारत बनाना चाहिए, हमें इसमें भाग लेना चाहिए। स्वतंत्रता से मेरे अंदर वीर सावरकर के विचार आए और मैं भविष्य में शिक्षण का जो क्षेत्र चुनूंगी। उसके माध्यम से बच्चों में वीर सावरकर के विचार डालने का प्रयास करूंगी। मानसी करंदीकर ने ‘हिंदुस्थान पोस्ट’ को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह अवॉर्ड मुझे प्रोत्साहित करेगा।
विद्यार्थियों की उपलब्धि सराहनीय-राजेन्द्र वराडकर
यह प्रशंसनीय है कि आज के विद्यार्थियों ने जिस भी विषय में महारत हासिल की है, उसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वीर सावरकर ने कहा था कि देश के प्रत्येक नागरिक को अपने क्षेत्र में बड़ा नाम कमाना चाहिए। उनके ज्ञान का उपयोग देश और दुनिया की भलाई के लिए किया जाना चाहिए, इस पुरस्कार के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है। ‘हिंदुस्थान पोस्ट’ को दिए एक साक्षात्कार में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यावाहक राजेंद्र वराडकर ने यहल बात कही। इस कार्यक्रम के लिए मुंबई विश्वविद्यालय ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक को आमंत्रित किया था। कार्यक्रम में स्मारक की ओर से राजेंद्र वराडकर मौजूद थे।
विद्यार्थी नशे से दूर रहें – राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन
सभी विश्वविद्यालयों को वर्ष के प्रारंभ में ही वर्ष का शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार कर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराना चाहिए तथा राज्य के राज्यपाल एवं सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति सी.पी. द्वारा दिए गए निर्देशों को सख्ती से लागू करना चाहिए। राधाकृष्णन ने मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में यह बात कही। जून तक परिणाम घोषित कर एक माह में दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाए ताकि विद्यार्थियों को तुरंत डिग्री मिल सके। यह बताते हुए कि कॉलेजों और विश्वविद्यालय विभागों में शिक्षकों की कमी है, छात्रों के नुकसान से बचने के लिए प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक रास्ता खोजा जाना चाहिए। यह कहते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है और स्नातक होने के बाद भी जीवन भर जारी रहनी चाहिए। छात्रों को दूसरों से अपनी तुलना किए बिना अपनी रुचि के अनुसार सीखना जारी रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को व्यायाम और पैदल चलने की स्वस्थ आदतें अपनानी चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए।
भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करेंगे- प्रो. अभय करंदीकर
यह सुनिश्चित करने के लिए भारत में एक अनुसंधान पूरक प्रणाली बनाई गई है कि समृद्ध, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए छात्र नवाचार और नेतृत्व महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और रिसर्च नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की गई है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव ने कहा, इसके माध्यम से भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाने और तकनीकी प्रगति को गति देने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात प्रो. अभय कनारडीकर ने कही।