UP में कांवड़ यात्रा से पहले मुजफ्फरनगर में खाद्य, पेय पदार्थ और फल बेचने वाले दुकानदारों को अपना नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है। इतना ही नहीं, उन्हें अपने कर्मचारियों के नाम भी लिखने होंगे। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि ग्राहकों को पता चले कि वे किससे सामान खरीद रहे हैं, ताकि किसी तरह की उलझन न हो। इस निर्देश पर देश भर में घमासान मचा हुआ है। इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इस आदेश का असर पहले से ही दिखाई दे रहा है, मुजफ्फरनगर में दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे अपना नाम असली नाम लिख दिया है।
मुजफ्फरनगर पुलिस के निर्देश के अगले दिन, इलाके से गुजरने वाले दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिले। फहीम नामक एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा संचालित एक चाय की दुकान का नाम पहले ‘चाय लवर पॉइंट’ था, जिसका नाम अब पुलिस के आदेश के बाद ‘वकील अहमद टी स्टॉल’ रखा गया है। फहीम ने बताया कि इस निर्देश से कांवड़ यात्रा के दौरान उनके कारोबार पर काफी असर पड़ेगा।
चाय लवर पॉइंट अब हो गया वकील अहमद टी स्टॉल
फहीम के मुताबिक, पुलिस ने उनसे संपर्क किया और कहा कि कांवड़ यात्रा के नजदीक आने के कारण उन्हें अपनी दुकान पर अपना नाम लिखना होगा। इसके बाद उन्होंने ‘चाय लवर पॉइंट’ से नाम बदलकर ‘फहीम टी स्टॉल’ या ‘वकील अहमद टी स्टॉल’ रख लिया।
संगम शुद्ध भोजनालय का भी सामने आया असली नाम
इस बीच, 25 साल से ‘संगम शुद्ध भोजनालय’ नाम से चल रहे सड़क किनारे के एक भोजनालय का नाम पुलिस के आदेश के बाद अब ‘सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय’ रख दिया गया है। मुजफ्फरनगर जिले में स्थित इस भोजनालय को 25 साल से संगम शुद्ध भोजनालय के नाम से जाना जाता था, लेकिन प्रशासन ने इसे बदलने का आदेश दिया है।
हटाये गए चार मुस्लिम कर्मचारी
दूसरी ओर, दिल्ली-देहरादून हाईवे पर स्थित साक्षी होटल के मालिक लोकेश भारती ने बताया कि दो पुलिस अधिकारी उनके पास आए और उन्हें होटल का नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। उन्होंने होटल के कर्मचारियों के नाम भी प्रदर्शित करने को कहा। इस निर्देश के बाद भारती ने अपने प्रतिष्ठान से चार मुस्लिम कर्मचारियों को अस्थायी रूप से हटा दिया है।