नांदेड़ (Nanded) में साहूकार की तरफ से कर्जे की वसूली (recovery of debt) के लिए परेशान किए जाने से परेशान एक महिला द्वारा किडनी बेचने का विज्ञापन (Advertisement for selling kidney) प्रसारित करने का चौंका देने वाला मामला प्रकाश में आया है। साहूकार (moneylender) का कर्ज भरने के लिए किडनी बेचने के विज्ञापन का पोस्टर जिलाधिकारी (District Magistrate) कार्यालय के सामने की दीवार पर चिपकाया गया है।
कर्ज चुका गांव लौटना चाहता है परिवार
किडनी बेचने के बाबत पीड़ित परिवार का कहना है कि कर्ज चुकाना हमारा फर्ज है । हम अपने गांव जाना चाहते हैं। इसलिए हमने पांचों सदस्यों में किसी की भी एक किडनी बेचने का निर्णय लिया। ताकि साहूकार का कर्ज चुकाया जा सके । महिला ने अपने बच्चों को आगे पढा़ने की इच्छा भी व्यक्त की है।
दो पहले डर छोड़ा गांव
बताया जा रहा है कि दो साल पहले ही महिला (Woman) ने साहूकार के डर से घर छोड़ दिया था। महिला की पहचान नांदेड़ जिला अंतर्गत मुदखेड़ तालुका के वैवरदाद निवासी सत्यभामा बालाजी कुंचलवार के रूप में हुई है। उसके परिवार पति सहित कुल पांच सदस्य है। उसके दो बेटे और एक बेटी है। उसके पास सात एकड़ खेती की जमीन है।
खेती पर निर्भर था परिवार
जानकारी के अनुसार खेती पर निर्भर इस परिवार ने लगभग तीन साल पहले एक साहूकार से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था। महिला ने कुछ रुपये चुकता भी किए। लेकिन कोरोना काल में उनकी आर्थिक स्थित डांवाडोल हो गयी, जिससे महिला बाकी कर्ज नहीं चुका पायी। इधर साहूकार के ब्याज बढ़ते गये, तो साहूकार ने महिला के पति से मारपीट भी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साहूकार की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला 10वीं तक पढ़ाई किए बेटे ने जिलाधिकारी और एसपी को पत्र लिखकर साहूकार पर कार्रवाई करने अथवा परिवार सहित इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी। लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।
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