कोविड 19 फ्रंट लाइन वर्कर्स को केंद्र सरकार क्रैश कोर्स लेकर आ रही है। इसमें इन वर्कर्स को कोविड 19 संबंधी उपचार में बरती जानेवाली सावधानियां, उपचार पद्धति, आपात स्थिति से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अंतर्गत देश के एक लाख फ्रंट लाइन वर्कर्स प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस अभिनव प्रारंभ से आशा है कि कोविड 19 से निपटने में कौशल का विकास होगा और प्रशिक्षित फ्रंट लाइन वर्कर्स इससे आयु जोड़ पाएंगे।
18 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए विशेष रूप से तैयार क्रैश कोर्स प्रशिक्षण’ का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 26 राज्यों में 111 प्रशिक्षण केन्द्र गठित किये गए हैं जिनमें प्रक्षिक्षण कार्य चलेगा।
प्रशिक्षण के लाभ
इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश में एक लाख से अधिक कोविड योद्धाओं को कौशल से लैस करना और उन्हें कुछ नया सिखाना है। कोविड योद्धाओं को होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट और मेडिकल इक्विपमेंट सपोर्ट जैसे छह कार्यों से जुड़ी विशिष्ट भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इतना होगा व्यय
इस प्रोग्राम को 276 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के केन्द्रीय घटक के तहत एक विशेष कार्यक्रम के रूप में तैयार किया गया है। यह प्रोग्राम स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रमशक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर-चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करेगा।