श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद दरबार में दर्शन पूजन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंदिर में श्रद्धालुओं के आने का नित्य नया कीर्तिमान बन रहा है। दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले सनातन धर्मी दरबार में आने के लिए लालायित है। श्री काशी विश्वनाथ दरबार तो सदियों से सनातन धर्मियों के लिए आस्था का बड़ा केन्द्र रहा है। यहां स्वयं बाबा विश्वेश्वर खुद विराजते हैं।
वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी निगरानी व निर्देशन में मूर्त रूप दिया, जो नित्य नए कीर्तिमान बना रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद देवों के देव महादेव का आंगन दिव्य व भव्य होने के साथ सुविधायुक्त हुआ तो शिव भक्तों का रिकॉर्ड आवागमन होने लगा है।
आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या हुई दोगुनी
बाबा की आरती में शामिल होने वालो की संख्या भी दोगुनी से अधिक हो गई है। श्री काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद सावन के महीने में जहां 1 करोड़ श्रद्धालुओं ने दरबार में हाजिरी लगाई। वहीं, धाम के लोकार्पण के बाद बाबा की आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। काशीपुराधिपति की पांच दैनिक आरती होती है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख ज्योतिर्लिंग बाबा विश्वेश्वर के दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है। दोपहर में भोग आरती, शाम को सप्तऋषि आरती और उसके बाद बाद शृंगार भोग आरती होती है। रात्रि में बाबा के शयन के समय शयन आरती होती है ,जिसमें टिकट बिक्री नहीं होती है। काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा की मानें तो टिकट के माध्यम से सुगम दर्शन द्वारा काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक चारों दैनिक आरती में शामिल होने वाले भक्तों की संख्या 58,096 थी, जबकि धाम के लोकार्पण के बाद चारों आरती में शामिल होने वालों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 1,26,510 हो गई। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में आरती में शामिल होने वालों भक्तों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। श्री विश्वनाथ भगवान की आरती चारों वेदों पर आधारित है।
—बाबा के चारों पहर के आरती के आंकड़े
श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पहले दिसंबर 2020 से सितंबर 2021 तक आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या आंकड़ों में,
मंगला आरती -27175
भोग आरती -10824
सप्तऋषि आरती -14655
शृंगार भोग आरती -5442
—लोकार्पण के बाद
दिसंबर 2021 से सितंबर 2022 तक आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या
मंगला आरती -74302
भोग आरती -12475
सप्तऋषि आरती -26794
शृंगार आरती -12939
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