ज्ञानवापी-मां शृंगार गौरी प्रकरण में 21 अक्टूबर को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। न्यायालय ने मुकदमें में पार्टी बनने के लिए दिए गए सभी प्रार्थना पत्रों को खारिज कर दिया। बंद तहखाने के सर्वे के आवेदन पर प्रतिवादी पक्ष ने आपत्ति के लिए समय मांगा है। इस पर न्यायालय ने 100 रुपये जुर्माना लगाकर प्रतिवादी पक्ष का आवेदन स्वीकार कर लिया और अगली सुनवाई के लिए दो नवम्बर की तिथि नियत की।
इस प्रकरण में पार्टी बनने के लिए दी गई पांच याचिकाओं को जिला जज ने 17 अक्टूबर को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में पहले से समर्थ लोग पक्षकार हैं। वादी को बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वह किसी अन्य को पक्षकार बनाए। शेष 3 अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने अपना फैसला 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। वादी महिलाओं ने ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की पूर्वी दीवार और नंदी के मुंह के सामने वाले तहखाने की उत्तरी दीवार को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग की है। साथ ही, ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग की पश्चिमी दीवार के बंद दरवाजे को तोड़ कर एडवोकेट कमिश्नर को कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग कोर्ट से की है।
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