श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवादः इस तिथि को होगी अगली सुनवाई

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन से कब्जा हटाने को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा आदि की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में वाद दायर किया गया है।

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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से दायर किए वाद को लेकर 15 मार्च को सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में सुनवाई हुई। ईदगाह परिसर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के सबूतों को सुरक्षित रखने और चिन्हित करने की मांग की गयी। मुख्य वादी ने प्रार्थना पत्र की नकल मांगी और बहस के लिए कुछ और समय मांगा। इस मामले में अगली सुनवाई अब 15 अप्रैल को होगी।

गौरतलब हो कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन से कब्जा हटाने को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा आदि की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन के न्यायालय में वाद दायर किया गया है।

पक्षकार ने दी जानकारी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मामले में पक्षकार दिनेश कौशिक ने कहा कि हमने पूर्व में भी एक प्रार्थना पत्र लगाया था और ईदगाह के नीचे के प्राचीन शिलालेखों की निगरानी का प्रबंध करने के लिए आवेदन किया। न्यायालय में दूसरा पक्ष भी हाजिर हुआ। मथुरा में इंतजामिया कमेटी की गुजारिश पर न्यायालय ने 15 अप्रैल को मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया है।

अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने की मांग
अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि हमने इस मामले में एक प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने कहा कि जो शिलालेख हैं, जो ईदगाह के नीचे दबे हुए हैं, उनके मुआयने के लिए अमीन जारी किए जाएं । जो प्रार्थना पत्र दिया गया था, उस पर सुनवाई हुई लेकिन न्यायालय परिसर में सुनवाई पूर्ण रूप से नहीं हो सकी। जो इंतजामिया कमेटी है, उसकी ओर से वकील हाजिर हुए , उन्होंने इस मुकदमे में जो प्रार्थना पत्र डाले गए हैं, उसकी नकल मांगी है। इसलिए इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं हो सकी है। इस मुकदमे में सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।

शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव ने कही ये बात
शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के सचिव और अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि नोटिस मिलने के बाद हम न्यायालय में हाजिर हुए और वाद से जुड़ी नकल मांगने के लिए अर्जी दाखिल की है। नकल मिलने के बाद ही हमारी ओर से इस वाद में जवाब दाखिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि न्यायालय ने सुनवाई के लिए 15 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।

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