नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने लुधियाना गैस लीक मामले की जांच के लिए आठ सदस्यीय जांच दल के गठन का आदेश दिया है। बुधवार को एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने लुधियाना के जिलाधिकारी को 11 मृतकों के आश्रितों को बीस-बीस लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
मृतकों को 20-20 लााख मुआवजे का ऐलान
एनजीटी ने लुधियाना गैस लीक मामले की जांच के लिए जो आठ सदस्यीय टीम का गठन किया है, उसकी अध्यक्षता पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन करेंगे। इस कमेटी में जो दूसरे सदस्य होंगे, उनमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर), इंडस्ट्रियल टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च सेंटर(आईटीआरसी), लखनऊ के प्रतिनिधि, पीजीआई चंडीगढ़ के डायरेक्टर के नामित सदस्य, एनडीआरएफ के प्रतिनिधि, पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि, लुधियाना के डीएम और लुधियाना नगर निगम के कमिश्नर शामिल होंगे।
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30 जून तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
इस कमेटी की नोडल एजेंसी पंजाब राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड होगी। एनजीटी ने कमेटी को 30 जून तक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने लुधियाना के ग्यासपुरा इलाके में 30 अप्रैल को हुई गैस लीक की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरु की थी। इस घटना में 3 नाबालिग समेत 11 लोगों की मौत हो गई थी। एनजीटी ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए ये कार्यवाही की।
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