डेल्टा से कम खतरनाक है ओमिक्रोन? जानिये, क्या कहते हैं विशेषज्ञ

शोधकर्ताओं ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि सभी कोविड मामलों में 11 दिसंबर तक ओमिक्रोन का अनुपात हर दो दिन में दोगुना हो रहा था। उनका अनुमान है कि एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण दर इस अध्ययन अवधि में 3 से ऊपर थी।

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ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले 1.5 से 3 दिनों में दोगुना होने और सामुदायिक प्रसार की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चेतावनी के बीच ब्रिटेन की एक संस्था के अध्ययन में कहा गया कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि हाइपर म्यूटेटेड स्ट्रेन ओमिक्रोन, डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में कम खतरनाक है।

लंदन के इंपीरियल कॉलेज के शोधकर्ताओं के अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस का नया संस्करण बड़े पैमाने पर पिछले संक्रमण या दोनों वैक्सीन की डोज से प्राप्त प्रतिरक्षा को कम करता है। अनुमान है कि ओमिक्रोन वैरिएंट से फिर संक्रमण का जोखिम डेल्टा वैरिएंट की तुलना में 5.4 गुना अधिक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसका मतलब यह है कि पिछले संक्रमण से ओमिक्रोन से फिर होने वाले संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा 19 फीसदी तक घट सकती है।

कम खतरनाक होने के सबूत नहीं
शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रोन से खतरा कम होने का कोई सबूत नहीं मिला है। अध्ययन परीक्षण में संक्रमित पाए गए लोगों के लक्षणों या संक्रमण के बाद अस्पताल में देखभाल की मांग करने वाले मामलों के अनुपात में यह पाया गया। उन्होंने कहा, हालांकि अस्पताल में भर्ती मरीजों के आंकड़े बहुत सीमित हैं।

इन आंकड़ों का किया गया उपयोग
प्रकाशित अध्ययन में अभी तक इंग्लैंड में सभी सार्स-कोव-2 पीसीआर में मिले संक्रमित मामलों के आंकड़ों का उपयोग किया गया था, इन सभी का 29 नवंबर और 11 दिसंबर, 2021 के बीच कोविड-19 परीक्षण किया था। शोध में एस जीन जेन टारगेट फेल्योर (एसजीटीएफ) के कारण ओमिक्रोन संक्रमण होने वाले लोगों के साथ-साथ ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि करने वाले जीनोटाइप डेटा वाले लोग शामिल थे। कुल मिलाकर, एस जेन टारगेट फेल्योर के बिना 196,463 वे लोग जिनके दूसरे प्रकार से संक्रमित होने की संभावना है और इसके साथ 11,329 मामलों को विश्लेषण में शामिल किया गया था। साथ ही जीनोटाइप विश्लेषण में 122,063 डेल्टा और 1,846 ओमीमीक्रोन मामले मिले।

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शोधकर्ताओं का अनुमान
शोधकर्ताओं ने कहा कि परिणाम बताते हैं कि सभी कोविड मामलों में 11 दिसंबर तक ओमिक्रोन का अनुपात हर दो दिन में दोगुना हो रहा था। उनका अनुमान है कि एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण दर इस अध्ययन अवधि में 3 से ऊपर थी। इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर नील फर्ग्यूसन ने कहा कि यह अध्ययन इस बात का और सबूत देता है कि पूर्व संक्रमण या टीकाकरण दोनों से प्राप्त पूर्व प्रतिरक्षा से ओमीक्रोन से बचा जा सकता है। फर्ग्यूसन ने एक बयान में कहा कि प्रतिरक्षा का समाप्त होने का मतलब है कि ओमिक्रोन सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा, आसन्न खतरा बन गया है।

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