असम में बिजली की कमी पर मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कही ये बात

राज्य को अब व्यस्तम् समय के दौरान तीन मेगावाट बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र में 2 हजार मेगावाट की कमी है। इसी तरह बिहार में 1220 मेगावाट और झारखंड में 236 मेगावाट की कमी है।

267
GUWAHATI, NOV 30 (UNI):- Himanta Biswa Sarma, Finance and Health minister of Assam addressing a press conference at Dispur in Guwahati on Monday.UNI PHOTO-A26U

मुख्यमंत्री डॉ हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य में बिजली की मांग अचानक बढ़ी है, लेकिन बिजली का उत्पादन कम है। असम में बिजली उत्पादन की कोई गुंजाइश नहीं है।

मुख्यमंत्री डॉ सरमा 11 सितंबर को असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के सवाल पर जवाब दे रहे थे। दरअसल, विपक्ष ने सदन में असम में बिजली की कमी, लोड शेडिंग और अत्यधिक बिजली शुल्क के मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग की थी।

बिजली की मांग 10 प्रतिशत बढ़ी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बिजली की मांग में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मांग अचानक अधिक बढ़ गई है। इसकी असली वजह भी सरकार को पता नहीं है। उन्होंने कहा कि भौगोलिक कारणों से असम में बिजली उत्पादन की एक सीमा है। वर्तमान में असम में बिजली प्रोजेक्ट करने की कोई सुविधा नहीं है। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि गैस और पानी बिजली पैदा कर सकते हैं। उन्हाेंने कहा कि राज्य में कोयले से कुछ बिजली पैदा करने की संभावना है। असम में विद्युत उत्पादन संयंत्र मांग के अनुरूप विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं।

सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए अब असम में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने बताया कि असम में उद्योग लग रहे हैं, इसलिए बिजली की मांग और बढ़ेगी। उदाहरण के लिए नुमलीगढ़ रिफाइनरी को 400 मेगावाट और पेप्सिको जैसी कंपनियों को 25 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी।

विपक्ष के आरोप खारिज
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले तीन दिन में गुवाहाटी, शिवसागर, जोरहाट सहित विभिन्न स्थानों पर ज्यादा लोड शेडिंग नहीं हुई है। केवल कुछ दिनों की अल्प अवधि में बिजली की कमी हुई थी। आने वाले समय में राज्य में बिजली की कमी नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ बैठक हुई और केंद्र ने भी कम से कम 300 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने का वादा किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य को अब व्यस्तम् समय के दौरान तीन मेगावाट बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र में 2 हजार मेगावाट की कमी है। इसी तरह बिहार में 1220 मेगावाट और झारखंड में 236 मेगावाट की कमी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि 2024 तक निचले सुबनसिरी जल विद्युत परियोजना से 208 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने सदन को यह भी बताया कि आने वाले दिनों में राज्य में बिजली की मांग और बढ़ेगी। लेकिन, भौगोलिक कारणों से बिजली उत्पादन मुश्किल है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.