पं. दीनदयान उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस कार्ड से चिकित्सा योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना डिजिटल इंडिया को साकार करेगा। सरकारी कर्मचारी व पेंशनर के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड मददगार बनेगा ही, भागदौड़ व झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। इससे प्रदेश सरकार के अधिकारी, कर्मचारी व पेंशनर पूरी तरह डिजिटल होंगे। यही नहीं, स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाने की राह भी आसान हो गई है। अब घर बैठे ही आसानी से कार्ड बनाया जा सकेगा। इसके लिए आनलाइन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
पहले यूपी स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाने में होती थी काफी परेशानी
कैशलेस कार्ड योजना के जिला नोडल अधिकारी डा. यूएन सिंह ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के अंतर्गत सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स की यूपी स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की राह आसान हो गई है। पहले यूपी स्टेट हेल्थ कार्ड बनवाने में काफी परेशानी होती थी। अब योजना के तहत पोर्टल पर आनलाइन आवेदन के माध्यम से आसानी से कार्ड उपलब्ध हो जाएंगे।
पोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध
पोर्टल https:ects.up.gov.in पर योजना से संबंधित समस्त आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। यूपी स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया वीडियो के रूप में पोर्टल पर प्रदर्शित किया गया है। सरकारी अस्पताल के साथ आयुष्मान भारत योजनांतर्गत सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के अलावा लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई जैसे संस्थानों में भी स्टेट हेल्थ कार्ड का लाभ ले सकेंगे। निजी चिकित्सालयों में अब तक 1245 लाभार्थी कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त कर चुके हैं। सूचीबद्ध चिकित्सालयों का विशेषज्ञता वार विवरण योजना के पोर्टल पर उपलब्ध है। किसी भी तरह की मदद के लिए योजना के टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 डायल कर सकते हैं।
मेडिकल बिल पर सीएमओ की मंजूरी की बाध्यता समाप्त
सरकारी अस्पताल में इलाज में खर्च होने वाले बिल को उस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) या प्रभारी ही अंतिम रूप में प्रमाणित कर सकेंगे। जबकि पहले सीएमएस या प्रभारी की ओर से प्रमाणित बिल को सीएमओ के स्तर पर दोबारा प्रमाणित करने का प्रावधान था। इसके बाद कोषागार कार्यालय से मरीज को इलाज का खर्च मिलता था। जिन लाभार्थियों का कार्ड अब तक नहीं बन पाया है, उन्हें आवश्यकता पड़ने पर जिला अस्पताल, लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई, डा. आरएमएल इंस्टीट्यूट जैसे सरकारी चिकित्सा संस्थानों में इलाज कराने पर उनके चिकित्सा बिल की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी।
स्टेट हेल्थ कार्ड से प्रतिवर्ष करा सकेंगे पांच लाख रुपये तक का उपचार
पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस कार्ड चिकित्सा योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश शासन की ओर से राज्य के समस्त कर्मचारी व पेंशनर एवं उनके आश्रित परिजनों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्टेट हेल्थ कार्ड बनाया गया है। योगी सरकार ने इस सुविधा की शुरूआत सात जनवरी 2022 को की थी। स्टेट हेल्थ कार्ड से प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक का इलाज करा सकेंगे।
ऐसे बनाएं कैशलेस कार्ड( Cashless Card)
– सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स को योजना के पोर्टल https:ects.up.gov.in पर कैशलेसC कार्ड का आवेदन करना होगा।
– कर्मचारियों के आहरण वितरण अधिकारी व पेंशनर के आनलाइन आवेदन का सत्यापन संबंधित कोषाधिकारी करेंगे।
– आवेदन सत्यापन के बाद सेतु पोर्टल के दिए गए लिंक पर जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
– ई-केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण होते ही सेतु पोर्टल पर कार्ड डाउनलोड का विकल्प उपलब्ध होगा। इसके जरिए सरकारी सेवक और आश्रित परिजनों का कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
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