अब उत्तराखंड के मदरसों के बच्चे भी संस्कृत की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। यानी राज्य के 117 मदरसों में संस्कृत की शिक्षा दी जाएगी। यह जानकारी 12 सितंबर को उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने दी।
एक मुस्लिम लड़की ने की संस्कृत में पीएचडी
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब ने 12 सितंबर को देहरादून में बताया कि मदरसों में वे एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने जा रहे हैं। इसमें अन्य विषयों के साथ संस्कृत की शिक्षा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देवभूमि है, अगर यहां संस्कृत नहीं पढ़ाई जाएगी, तो कहां पढ़ाई जाएगी। अब मुस्लिम समाज के लोग भी बदलाव चाहते हैं। मदरसों के उच्चीकरण से वे भी खुश हैं। उन्होंने कहा कि एक मुस्लिम लड़की रजिया सुल्ताना ने संस्कृत में पीएचडी की है।
मदरसों को किया जा रहा है मॉडर्न
रजिया संस्कृत में कुरान का अनुवाद कर रही हैं। रजिया को वक्फ बोर्ड की राज्य स्तरीय शिक्षा समिति में बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड में पंजीकृत मदरसों को मॉडर्न किया जा रहा है। इसमें बच्चों को स्मार्ट क्लास और आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ टैबलेट और कंप्यूटर भी मुहैया कराए जाएंगे। इसी क्रम में उत्तराखंड के चार जिलों में चार मदरसों को आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की जा रही है।
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वक्फ बोर्ड में पंजीकृत मदरसा हिफजुल कुरआन कुंजाग्रांट की कमेटी ने खुद को मॉडर्न मदरसा में शामिल करने का प्रस्ताव रखा, जिसे वक्फ बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इसी प्रकार वक्फ बोर्ड में पंजीकृत सभी मदरसों को चरणबद्ध तरीके से मॉडर्न मदरसा शिक्षा से जोड़ा जाएगा।
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