ट्रेन के एसी कोच में सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब उसमें सफर करने वाले कोरोना संक्रमण के खतरे से बच सकेंगे। इसके लिए उसमें विषाणुनाशक तकनीक यानी डिस्इंफेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। बताया गया है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित यह तकनीक पूरी तरह प्रभावी है।
मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस तकनीकी को ट्रेनों के एसी कोचों के साथ ही एसी बसों और अन्य बंद परिसरों मे लगाया जा रहा है।
चुनाव के दौरान भी किया जाएगा तकनीकी का उपयोग
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस तकनीकी का उपयोग पांच राज्यों में होन वाले चुनावों में भी किया जाएगा। इसके लिए वे चुनाव आयोग से बात करेंगे और सीमित क्षमता के साथ बंद परिसरों में होने वाली बैठकों के दौरान इस पद्धति का उपयोग किया जाएगा।
कोरोना काल में चुनाव करान बड़ी चुनौती
कोरोना महामारी काल में पांच राज्यों में होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार सभी पार्टियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस स्थिति में रैलियों और रोड शो पर आयोग ने प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसे देखते हुए यह नई तकनीकी काफी प्रभावी हो सकती है। इसका परीक्षण ट्रेन के कोचों, एसी बसों और संसद भवन में किया जा चुका है और इसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा है।
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पूरी तरह प्रभावी होने का दावा
सिंह ने बताया कि सीएसआइआर-सीएसआइओ ( केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन) के माध्यम से मंत्रालय द्वारा विकसित अल्ट्रावायलेट-सी प्रौद्योगिकी कोरोना वायरस के हवा में संक्रमण को कम करने में पूरी तरह प्रभावी है और कोरोना के बाद भी इसका उपयोग किया जा सकता है।