Om Certification: प्रायः यह बात सामने आई है कि मंदिरों में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में अक्सर वर्जित खाद्य पदार्थों को मिलाया जाता है। इससे हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंच रही है और प्रसाद की पवित्रता भी नष्ट हो रही है हिंदुत्वादी संगठनों ने अब अपनी कमर कस ली है और उचित तथा आक्रामक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि भक्तों की भावना को ठेस न पहुंचे और हिंदू धर्म की पवित्रता बनी रहे। इसके लिए हिंदुत्वादी संगठन एकजुट हो गए हैं। प्रसाद शुद्धि आंदोलन नासिक के त्र्यंबकेश्वर से शुरू होगा।
दिया जाएगा ‘ओम सर्टिफिकेट’
मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की पवित्रता, अखंडता और पवित्रता बरकरार रहे इसके लिए हिंदूवादी संगठनों ने पहल की है। प्रसाद बेचने वाली दुकानों को ‘ओम सर्टिफिकेट’ दिया जाएगा। हिंदुओं के उपासकों को दिया जाने वाला प्रसाद सात्विक है या नहीं, इसकी जांच की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रसाद में उपयोग होने वाली सामग्री में किसी अशुद्ध सामग्री का इस्तेमाल न किया जाए और तभी ‘ओम प्रमाणपत्र’ दिया जाएगा।
नासिक के श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर से आंदोलन की शुरुआत
यह प्रसाद शुद्धि आंदोलन नासिक के श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर से शुरू होगा। त्र्यंबकेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के साथ एक धार्मिक परिसर है। यहां देशभर से हजारों श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के बाहर कई प्रसाद की दुकानें हैं और इन दुकानों के प्रसाद की जांच की जाती है कि प्रसाद में कोई मिलावट या कोई वर्जित पदार्थ तो इस्तेमाल नहीं किया गया है। सभी सुव्यवस्थित दुकानों को ‘ओएम प्रमाणपत्र’ दिया जाएगा। जिससे भक्तों की आस्था को ठेस नहीं पहुंचेगी।
प्रसाद की शुद्धता आवश्यक
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सावरकर, अखिल भारतीय संत समिति धर्म समाज के महाराष्ट्र प्रदेश के महंत आचार्य पीठाधीश्वर अनिकेत शास्त्री महाराज ने पहल कर इस आंदोलन की शुरुआत की है। इसकी शुरुआत बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर से होगी। महंत आचार्य पीठाधीश्वर डाॅ. इस आंदोलन के बारे में बोलते हुए अनिकेत शास्त्री ने कहा है कि अगर प्रसाद अशुद्ध होगा तो उसका फल विपरीत होगा।
प्रायः विधर्मियों द्वारा की जाती है मिलावट
मंदिर के बाहर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में प्रायः विधर्मियों द्वारा मिलावट की जाती रही है। प्रसाद में नकली घी, कुछ अन्य सामग्रियां, गाय की चर्बी का इस्तेमाल किये जाने की खबरें हैं। ‘ओम प्रतिष्ठान’ ऐसी घटनाओं को रोकने और हिंदुओं की पवित्रता बनाए रखने के लिए काम करेगा। यह आंदोलन गुरुवार, 14 जून 2024 को शुरू किया जाएगा।