तथागत गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में आठ मार्च को दक्षिणी कोरिया से आ रहे 200 सदस्यीय उच्च स्तरीय दल के स्वागत की तैयारियों में प्रशासन जुट गया है। यह दल भारत और कोरिया के बीच मैत्री संबंध के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आ रहा है। दल में 111 अति विशिष्ट लोगों समेत कुल 200 लोग शामिल हैं।
इस सम्बंध में एसडीएम रत्नीका श्रीवास्तव ने रविवार को बैठक कर जिम्मेदारियां बांटी। बैठक में अतिथियों का स्वागत बौद्ध और भारतीय परंपरा के अनुसार करने पर चर्चा हुई। कोरियाई दल के साथ भारतीय गुलाब पुष्प की पंखुड़ी और सुगंधित जल से होली खेलेंगे। दल के समक्ष भारतीय लोक कला संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेंगे। फरूवाहि नृत्य, फगुआ, होरी गीत, चइता आदि मुख्य आकर्षण होगा। स्वागत में सिंहा, दुदुम्भी जैसे परम्परागत वाद्य यंत्र बजेंगे।
तहसील कार्यालय में हुई बैठक में बौद्ध भिक्षु, नगरपालिका, आपूर्ति विभाग एवं तहसील प्रशासन के अधिकरियों ने मौजूदगी दर्ज कराई।
यह है कार्यक्रम:
कोरियन दल होली पर्व के दिन आठ मार्च बुधवार को प्रात: भगवान बुद्ध के अंतिम भोजन स्थल फाजिलनगर क्षेत्र में पहुंचेगा। यहां जिला प्रशासन के अतिरिक्त भदंत ज्ञानेश्वर के नेतृत्व में दल का स्वागत होगा। यहां से दल बुद्ध गमन मार्ग से पैदल चलकर कुकुत्था नदी, फिर गोपालगढ़ के समीप निरंकारी सत्संग भवन पर पहुंचेगा। यहां प्रशासन ने कोरियन दल के स्वागत की व्यापक तैयारी की है। जलपान ग्रहण करने के बाद दल रामाभार का दर्शन कर होटल लोटस में विश्राम के लिए चला जाएगा। अगल दिन नौ मार्च गुरुवार को प्रात: कोरियन दल महापरिनिर्वाण मंदिर व परिसर में तीन घंटे तक पूजन कार्यक्रम करेगा। मंदिर पहुंचने पर कुशीनगर बौद्ध संग के अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर बौद्ध भिक्षुओं के साथ कोरियन दल का स्वागत करेंगे। पुष्प की वर्षा होगी तो उन्हें बुद्ध की प्रतिमा एवं पंचशील खाता भेंट कर स्वागत किया जाएगा। 10 मार्च को दल नेपाल के लिए प्रस्थान कर जाएगा।