दीपावली पर रात को दिल्ली में कानून का तमाशा होता रहा। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखे छुड़ाने, बेचने और भंडारण पर रोक के बावजूद जमकर आतिशबाजी हुई। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद लोग बाज नहीं आए।
दिल्ली का कोई ऐसा इलाका नहीं है, जहां पर आतिशबाजी नहीं हुई। बताया जा रहा है कि प्रतिबंध से पहले लोगों ने पटाखे एकत्र कर रखे थे। कई जगह कड़ाई के बावजूद लोगों ने चोरी- छिपे पटाखे बेचे। इस बार दमकल विभाग को दिल्ली में आग लगने की 201 कॉल मिली।
मुकदमा दर्ज करने का निर्देश
उलेखनीय है कि दिल्ली में पटाखे के इस्तेमाल पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया गया था। आरोप सिद्ध होने पर जुर्माना और छह महीने तक की सजा का प्रावधान था। दिल्ली पुलिस लोगों को पटाखे छुड़ाने से रोकने में नाकामयाब रही। दिवाली से पहले कुछ जगह दिल्ली पुलिस ने जरूर छापेमारी कर अवैध रूप से बेचे जा रहे पटाखे जब्त किया था, साथ ही कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई दिखावे भर ही साबित हो रही है। दिल्ली में जिस तरीके से आतिशबाजी हुई उससे साफ है कि दिवाली में आतिशबाजी पर प्रतिबंध एक औपचारिकता मात्र की है।