राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने विचारधारा को लेकर बड़ा बयान दिया है। संघ प्रमुख ने कहा कि एक विचार, एक व्यक्ति, एक समूह, एक विचारधारा किसी भी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती है। खराब देशों में भी अच्छे नेता होते हैं, लेकिन समाज कैसा है, उस पर निर्भर करता है। मोहन भागवन 14 फरवरी को नागपुर में राजरत्न पुरस्कार समिति की ओर से आयोजित पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे।
‘छत्रपति शिवाजी महाराज ने की स्वराज्य की स्थापना’
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया के अच्छे देशों के पास ढेर सारे विचार के साथ हर प्रकार की व्यवस्था भी होती है। ये देश इन्हीं व्यवस्थाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं। नागपुर के पूर्व शाही-घराने भोंसले परिवार के बारे में भागवत ने कहा कि यह परिवार संघ के संस्थापक के बी हेडगेवार के समय से ही आरएसएस से जुड़ा हुआ था। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना की और दक्षिण भारत को अत्याचार से मुक्त कराया। भोंसले परिवार के शासन में पूर्व और उत्तर भारत को अत्याचारों से मुक्त कराया गया था।
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बताया था, भारत कैसे बनेगा विश्व गुरु
हाल ही में संघ प्रमुख ने कहा था कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए सभी लोगों को सामूहित रूप से काम करना होगा। उन्होंने कहा था कि लोगों को अहंकार से बचना चाहिए और भौतिकवाद से दूर रहना चाहिए। संतों की शिक्षाओं का पहले अनुसरण करना चाहिए, उसके बाद प्रचार करना चाहिए। मोहन भागवत ने कहा था कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए साधु-संतों सहित हम सभी को सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है।