Shri Ram Temple: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (life consecration ceremony) को लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है। अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वामपंथी नेताओं (leftist leaders) ने इसे धार्मिक कार्यक्रम बताते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इस पर भाजपा (BJP) ने निशाना साधते हुए कहा कि राम मंदिर केवल वो ही लोग आएंगे जिन्हें भगवान राम (Lord Ram) बुलाएंगे।
धर्म, राजनीति और कला क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों को निमंत्रण
22 जनवरी को होने वाले इस भव्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) सहित करीब 8000 से अधिक प्रमुख लोगों की उपस्थिति होगी। इस बीच इस कार्यक्रम के लिए कई नेताओं, धार्मिक नेताओं और अभिनेताओं को निमंत्रण भेजा गया है जिसमें सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात, कांग्रेस पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी भी शामिल हैं। सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात और सीता राम येचुरी ने कार्यक्रम को धार्मिक कार्यक्रम बताते हुए इसमें नहीं शामिल होने की बात कही है।
जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम
इस पर केन्द्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि केवल भगवान राम द्वारा आमंत्रित लोग ही राम मंदिर जाएंगे। वहीं, मनोज तिवारी ने कहा कि इस पवित्र अवसर पर राजनीति की जा रही है जबकि भगवान इन सबसे ऊपर हैं। विश्व हिंदू परिषद् नेता विनोद बंसल ने सीता राम येचुरी पर तंज कसते हुए कहा कि जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम। विनोद बंसल ने एक ट्वीट किया है जिसमें लिखा, जिनका नाम सीताराम, नहीं जाएंगे अयोध्या धाम। राजनैतिक विरोध तो समझ आता है किंतु अपने नाम से भी इतनी घृणा किसी को हो, वह तो कम्युनिस्ट ही हो सकता है। द्वेष राम से है या स्वयं के नाम से है, बताना तो बनता है।(हि.स.)
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