दुनिया के पहले परमाणु बम के मास्टरमाइंड रॉबर्ट ओपेनहाइमर की बायोपिक फिल्म 21 जुलाई को रिलीज हो गई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रखी है। क्रिस्टोफर नोलन महाकाव्य का एक दृश्य कुछ भारतीय फिल्म प्रेमियों को पसंद नहीं आ रहा है। वे इस दृश्य को हिंदू धर्म पर हमला बताते हुए दोषियों को दंडित करने की मांग कर रहे हैं।
भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने ‘सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन’ की एक प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हुए कहा, ” यह बात हैरान और परेशान करने वाली है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) इस दृश्य के साथ फिल्म को कैसे मंजूरी दे सकता है।” विवादास्पद दृश्य में रॉबर्ट ओपेनहाइमर (सिलियन मर्फी) सेक्स करते समय भगवद गीता पढ़ रहा है।
सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन की आपत्ति
‘सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन’ के प्रेस बयान में कहा गया है, “फिल्म के एक दृश्य में दिखाया गया है कि एक महिला एक पुरुष को संभोग करते समय जोर-जोर से भगवत गीता पढ़वाती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा तत्काल इसकी जांच की जानी चाहिए और इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”
क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित आर-रेटिंग वाली पहली फिल्म
ओपेनहाइमर क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित आर-रेटिंग वाली पहली फिल्म है। लेकिन स्टूडियो द्वारा इसकी लंबाई कम करने के लिए सेक्स सीन के कुछ शॉट्स काटने के बाद भारत के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए रेटिंग दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, कट्स स्टूडियो ने खुद ही किए थे क्योंकि उन्हें नहीं लगा था कि सेंसर बोर्ड इस सीन की इजाजत देगा।
. @OppenheimerATOM
To,
Mr Christopher Nolan
Director , Oppenheimer filmDate : July 22, 2023
Reg: Film Oppenheimer’s disturbing attack on Hinduism
Dear Mr Christopher Nolan,
Namaste from Save Culture Save India Foundation.
It has come to our notice that the movie…
— Uday Mahurkar (@UdayMahurkar) July 22, 2023
गीता हिंदू धर्म का अनोखा उपहार
उदय माहुरकर ने विज्ञप्ति में विवादास्पद दृश्य पर लिखा है, “भगवान श्री कृष्ण द्वारा मानव सभ्यता को एक दिव्य उपहार, भगवत गीता, हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित ग्रंथों में से एक है। गीता ऐसे अनगिनत संन्यासियों, ब्रह्मचारियों और महापुरूषों के लिए प्रेरणा रही है, जो संयम का जीवन जीते हैं और निःस्वार्थ महान कार्य करते हैं।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कार्रवाई करने की मांग
भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने कहा है, “सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को तत्काल इसकी जांच करनी चाहिए और इसमें दोषी लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। जैसा कि हाल ही में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने और यहां तक कहा कि पिछले कुछ वर्षों में न्यायालयों ने भी देखा है कि आज का मनोरंजन का माध्यम देश की जनता की सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं के प्रति असंवेदनशील है।”
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दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक उदय माहुरकर ने कहा है, “फाउंडेशन, इस देश की जनता और पूज्य गीता द्वारा जीवन में बदलाव की शाश्वत परंपरा की ओर से, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आग्रह करता है कि वह हिंदुओं की पूजनीय पवित्र पुस्तक की गरिमा को बनाए रखने के लिए वह सब कुछ करे, इसमें शामिल लोगों को दंडित किया जाए और ऐसी प्रक्रियाएं स्थापित की जाएं कि भविष्य में ऐसी चीजें न हों।”
क्रिस्टोफर नोलन से मांग
एक अन्य विज्ञप्ति में सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक उदय माहुरकर ने क्रिस्टोफर नोलन को संबोधित किया है। उन्होंने लिखा है,”यह हमारे संज्ञान में आया है कि फिल्म ओपेनहाइमर में एक दृश्य हिंदू धर्म पर तीखा हमला करता है। हम एक वैज्ञानिक के जीवन पर इस अनावश्यक दृश्य के पीछे की प्रेरणा और तर्क को नहीं समझते। लेकिन यह एक अरब सहिष्णु हिंदुओं की धार्मिक मान्यताओं पर सीधा हमला है, बल्कि यह हिंदू समुदाय पर युद्ध छेड़ने के समान है और लगभग हिंदू विरोधी ताकतों की एक बड़ी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।”
उदय माहुरकर ने लिखा है, “एजेंसियां, मीडिया, राजनीति और यहां तक कि आपका हॉलीवुड फिल्म उद्योग भी इस तथ्य को लेकर बहुत संवेदनशील है कि कुरान और इस्लाम को किसी भी तरह से चित्रित नहीं किया जाए,क्यों की यह एक आम मुसलमान की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है, भले ही इस्लामी आतंकवाद पर आधारित कुछ भी बनाएं। इस लाल रेखा को पार करने का प्रयास करने वालों के लिए एक शब्द लोकप्रिय हो गया है – इस्लामोफोबिया।”
यही शिष्टाचार हिंदुओं के प्रति भी क्यों नहीं होना चाहिए
माहुरकर आगे लिखते हैं, “आपकी फिल्म निर्माण की कला की भारत में बहुत सराहना होती है। हमारा मानना है कि यदि आप इस दृश्य को हटा दें और हिंदुओं का दिल जीतने के लिए आवश्यक कदम उठाएं, तो यह एक संवेदनशील इंसान के रूप में आपकी साख स्थापित करने और आपको एक अरब अच्छे लोगों की दोस्ती का उपहार देने में काफी मदद करेगा। लेकिन यदि आप इस अपील को नजरअंदाज करना चुनते हैं तो इसे भारतीय सभ्यता पर जानबूझकर किया गया हमला माना जाएगा।”