महाराष्ट्र के पालघर के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र से एक झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। जव्हार तालुका में पाथर्डी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले भाटीपाड़ा की एक 62 वर्षीय महिला के बुरी तरह जख्मी होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के लिए डोली में नदी के बीच से ले जाना पड़ा। बूढ़ी औरत के घरवालों को महिला को डोली में लेकर तीन से चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ा और हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसा करते वक्त लोगों को नदी की खतरनाक धारा से गुजरना पड़ा।
गांव तक नहीं है सड़क
भाटीपाड़ा की 62 वर्षीय महिला लक्ष्मी घाटाल के पैर में चोट के कारण सूजन हो गई थी। असहनीय दर्द के चलते परिजनों ने वृद्धा को अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया। लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं होने के कारण महिला को अपने परिवार को लकड़ी और चादर से बनी डोली में ले जाना पड़ा। विशेष रूप से भाटीपाड़ा से जव्हार जाने के लिए कालशेती नदी पार करनी पड़ती है। और इस नदी में पानी का बहाव खतरनाक था।
ये भी पढ़ें – रेलवे ने आजादी के अमृत महोत्सव में शुरू की हैरिटेज स्पेशल ट्रेन
नहीं सुनी जा रही है ग्रामीणों की आवाज
जान जोखिम में डालकर लक्ष्मी के परिजनों ने नदी को पार कर वृद्धा को इलाज के लिए जव्हार के कुटीर अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाटीपाड़ा इस गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क नहीं है। ग्रामीण सड़क की कई सालों से मांग कर रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन अभी तक इस गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क व ब्रिज का निर्माण नही कर सका। जिससे गर्भवती महिलाओं, मरीजों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर अपनी मंजिल तय करनी पड़ती है।