मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मानहानि और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए मुंबई के अंधेरी न्यायालय में मामला दर्ज कराया है। उस पर गौर करते हुए कंगना को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन कंगना ने कई कारण बताते हुए न्यायालय में पेश होने से परहेज किया था। हालांकि 20 सितंबर को कंगना रनौत को किसी भी हालत में न्यायालय में पेश होना होगा, नहीं तो उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जा सकता है।
जावेद अख्तर की आपत्ति
पिछली सुनवाई के दौरान कंगना स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अदालत में पेश नहीं हुई थीं। हालांकि जावेद अख्तर ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत द्वारा दिए गए बयान गंभीर हैं, फिर भी वह अनुपस्थित हैं। न्यायालय ने कहा कि उनकी शिकायत को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है और कंगना को अगली सुनवाई पर उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है अन्यथा उनको गिरफ्तार करने का आदेश दिया जाएगा।
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उच्च न्यायालय से राहत नहीं
अभिनेत्री कंगना रनौत ने जावेद अख्तर द्वारा अपने खिलाफ दायर मामले को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन न्यायालय द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने से उनकी परेशानी और बढ़ गई। जावेद अख्तर ने अंधेरी न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उस वक्त कोर्ट ने कंगना के खिलाफ वारंट जारी किया था। इसके बाद कंगना रनौत ने अंधेरी कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ने याचिका खारिज कर दी। कंगना रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने दलील दी। उन्होंने अंधेरी न्यायालय में कहा था कि उस समय जावेद अख्तर द्वारा दायर शिकायतों की कोर्ट ने कोई जांच नहीं की थी और न ही गवाहों से पूछताछ की थी। इसलिए जुहू पुलिस द्वारा अंधेरी कोर्ट के आदेश के अनुसार धारा 202 के तहत जांच किया जाना गलत है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।
छह माह कारावास का प्रावधान
कंगना के खिलाफ धारा 202 के तहत जांच चल रही है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति की जानबूझकर मानहानि दंडनीय अपराध है, जिसमें छह महीने की कैद की सजा का प्रावधान है।