उस महिला के पति की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस संबंध में 3 मई, 2019 को सेलू पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था। पति के मित्र से महिला के अच्छे संबंध थे। दोनों फोन पर बातें करते थे, इस बीच दोनों की बातचीत की एक ऑडियो क्लिप सार्वजनिक हो गई। इसके बाद प्रकरण में पुलिस की एंट्री हो गई और उसने दो करोड़ रुपए की रिश्वत की मांगी।
दरअसल, ऑडियो क्लिप में महिला और पति के मित्र की कुछ ऐसी बातें थीं, जिससे उनके फंसने की आशंका थी। शहर में वायरल हुआ यह ऑडियो उपविभागीय पुलिस अधिकारी राजेंद्र पाल के पास पहुंचा था। उन्होंने ऑडियो क्लिप में बात कर रहे पुरुष को 9 जुलाई 2021 को बुलाया। उन्होंने उसे धमकी दी और मामले से उसका नाम निकालने के लिए दो करोड़ रुपए के रिश्वत की मांग की।
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रिश्वत से परेशान शख्स पहुंचा एसीबी
दो करोड़ की रिश्वत की मांग से शख्स परेशान हो गया। उसने पुलिस अधिकारी राजेंद्र पाल और पुलिस नाईक गणेश चव्हाण से विनंती की। जिसके बाद रिश्वत की रकम को 1.5 करोड़ रुपए कर दिया गया। परंतु, ये रकम फिर भी अधिक थी। इसके बाद शख्स ने मुंबई भ्रष्टाचार निरोधी प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज कराई। 23 जुलाई 2021 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जांच शुरू की और जाल बिछाकर पुलिस नाईक गणेश चव्हाण को 10 लाख रुपए की पहली किश्त लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। ब्यूरो ने इसके बाद उपविभागीय अधिकारी को भी इस प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया है।