देश में एक शहर से दूसरे शहर या एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए आमतौर पर लोग ट्रेन (Train) से सफर करते हैं। ट्रेन से यात्रा करना आमतौर पर सस्ता भी होता है। लोग परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में बहुत कम पैसों में अपने गंतव्य तक पहुँचते हैं। हालांकि, कई लोग ऐसे भी हैं जो टिकट कंफर्म (Ticket Confirm) न होने के कारण ट्रेन से सफर (Travel) नहीं कर पाते हैं।
रेलवे बोर्ड ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि साल 2022-23 में 2.7 करोड़ से ज्यादा यात्री टिकट खरीदने के बाद भी ट्रेन से यात्रा नहीं कर सके। रेलवे के मुताबिक इन सभी यात्रियों के टिकट कन्फर्म नहीं हो सके। मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह संख्या 1.65 करोड़ थी। रेलवे बोर्ड ने बताया कि 2022-2023 में कुल 1.76 करोड़ यात्रियों के नाम रिकॉर्ड नंबर थे, जिसमें कुल 2.72 करोड़ यात्रियों को सफर करना था। हालांकि वेटिंग लिस्ट के चलते इन लोगों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी।
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गौरतलब हो कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 1.06 करोड़ पीएनआर नंबर जेनरेट किए गए थे, जिनमें से 1.65 करोड़ यात्रियों को यात्रा करनी थी, लेकिन अपने आप टिकट रद्द होने के कारण यात्रा नहीं कर सके। रेलवे बोर्ड के मुताबिक, रद्द पीएनआर की संख्या 2014-15 में 1.13 करोड़ और 2015-16 में 81.05 लाख थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2016-2017 में यह 72.13 लाख, 2017-18 में 73 लाख और 2018-2019 में 68.97 लाख थी।
ट्रेनों की बढ़ रही संख्या
रेलवे ने कहा कि वह देश में ऑन डिमांड ट्रेनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और ट्रेनों की क्षमता लगातार बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि ट्रेनों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है, जिससे प्रतीक्षा सूची में शामिल होने वाले यात्रियों की संख्या कम होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से पहले रेलवे ने देश में 10,186 ट्रेनें चलाई थीं, जो अब बढ़कर 10,678 ट्रेनें हो गई हैं।
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