पेगासस जासूसी कांड में केंद्र सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। कथित जासूसी की जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर 17 अगस्त को सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि इस पर सार्वजनिक बहस नहीं की जा सकती। न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए 10 दिन बाद इसकी अगली सुनवाई करने की बात कही। इस दौरान न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकार को ऐसा कुछ खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझैता करना पड़े।
पीठ ने की टिप्पणी
चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे के बाद यह टिप्पणी की। हलफनामे में सरकार ने कहा था कि इस बारे में जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है। पीठ ने कहा कि हमने सोचा था कि सरकार इस बारे में एक विस्तृत हलफनामा दायर करेगी, लेकिन इस मामले में सिर्फ सीमित हलफनामा दाखिल किया गया। पीठ ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी और न्यायालय यह देखेगा कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
‘मामले में छिपाने के लिए कुछ नहीं’
केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार नेहता ने पीठ को बताया कि सरकार ने अपने हलफनामे में अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। कृपया इस मामले को हमारे नजरिए से देखें। हमारा हलफनामा पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि इसमें छिपाने के लिए कुछ नहीं है और इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं हो सकता। विशेषज्ञों की समिति न्यायालय को अपनी रिपोर्ट देगी।