भारत सरकरा के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) योजना लागू किया गया है। इसके तहत कृषि पंपों के सौरीकरण के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस योजना को राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें किसानों को केवल बाकी का 40 प्रतिशत ही विभाग के पास जमा करवाना होता है। लेकिन पिछले काफी समय से फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने के कई मामले प्रकाश में आए हैं।
पंजीकरण पोर्टल होने का दावा
मिली जानकारी के अनुसार कुछ वेबसाइटों ने पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा किया है। सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी वेबसाइटें आम जनता को धोखा दे रही हैं और फर्जी पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से उनकी निजी जानकारी एकत्रित कर रही है तथा पैसे भी वसूल रही हैं । आम जनता को किसी भी नुकसान से बचने के लिए, एमएआरई ने इसके पहले भी विज्ञप्ति जारी करके लाभार्थियों और आम जनता को ऐसी किसी भी वेबसाइटों पर पंजीकरण शुल्क नहीं जमा करने और अपनी जानकारी साझा करने से सतर्क रहने की सलाह दी थी।
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अन्य माध्यमों से भी की जा रही है ठगी
ऐसी वेबसाइटों की जानकारी मिलने पर MNRE द्वारा उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। हाल ही में देखा गया है कि कुछ नई वेबसाइटों, जिसमें www.kusumyojanaonline.in.net भी शामिल है, ने अवैध रूप से पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल का दावा किया है। साथ ही वाट्सएप व अन्य माध्यमों के द्वारा भी संभावित लाभार्थियों को भ्रमित कर उनके साथ धोखाधड़ी की कोशिश की जा सकती है । इसलिए सरकार ने सभी संभावित लाभार्थियों और आम जनता को सलाह दी है कि ऐसी वेबसाइटों पर रुपया या जानकारी जमा करने से बचें। साथ ही किसी भी असत्यापित अथवा संदेहास्पद लिंक जो पीएम-कुसुम योजना में पंजीयन का दवा करती हो पर क्लिक न करें।
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पंजीकरण कराने की जरुरत नहीं
MNRE ने स्पष्टकिया है कि वह अपनी किसी भी वेबसाइट के माध्यम से योजना के तहत लाभार्थियों को पंजीकृत नहीं करता है और इसलिए योजना के लिए एमएनआरएफ की पंजीकरण वेबसाइट होने का दावा करने वाली कोई भी वेबसाइट भ्रामक और धोखाधड़ी है।