लोकसभा ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर फार्मेसी अधिनियम के तहत योग्य या पंजीकृत व्यक्तियों को फार्मेसी अधिनियम के तहत फार्मासिस्ट के रूप में पंजीकृत करने की अनुमति देने वाला फार्मेसी (संशोधन) विधेयक 2023 को ध्वनि मत से पारित कर दिया। फार्मेसी (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद वहां के युवाओं के लिए नौकरी के अवसर मिले हैं, स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं।
इसलिए है महत्वपूर्ण
उल्लेखनीय है कि वर्तमान व्यवस्था के तहत, देश में फार्मेसी का अभ्यास करने वाले व्यक्तियों के लिए फार्मेसी अधिनियम के तहत पंजीकरण अनिवार्य है। फार्मेसी (संशोधन) विधेयक के तहत विधेयक में एक नई धारा 32 सी को शामिल किया गया है, जो जम्मू और कश्मीर फार्मेसी अधिनियम, 2011 के तहत पंजीकृत या योग्य व्यक्तियों से संबंधित एक विशेष प्रावधान है। इस विधेयक के तहत कोई भी व्यक्ति जिसका नाम जम्मू और कश्मीर फार्मेसी अधिनियम, 2011 के तहत बनाए गए फार्मासिस्टों के रजिस्टर में दर्ज किया गया है तो उसे फार्मासिस्टों के रजिस्टर में दर्ज किया गया माना जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के लिए खास
लोकसभा में चर्चा पर बयान देते हुए केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं के पास आज रोजगार के अवसर हैं। पहले जम्मू-कश्मीर को वहां के कुछ राज परिवार अपनी निजी राजनीति चलाने के लिए उसे देश के विकास के साथ जोड़ने नहीं देते थे। लेकिन जब से मोदी जी ने कश्मीर से धारा 370 हटाई है, तब से वहां देश का कानून लागू हो गया है। केन्द्र सरकार वहां के सेब किसानों को सहायता दे रही है, वहां के युवाओं के पास संभावनाएं हैं। टूरिज्म क्षेत्र में विकास हुआ है। धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में बड़ा बदलाव आया है।
दिल्ली वाले रहें सतर्क, तेजी से फैल रहा डेंगू; अब तक के आंकड़े डराने वाले हैं!
घाटी में बड़े बदलाव
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी वहां बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को चिकित्सा सेवाओं के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था, अब अस्पताल की सुविधा बेहतर हो गई है। टेलि-कंसल्टेशन की सेवा भी वहां मुहैया कराई जा रही है।