प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के विकास में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद दोनों ही बड़ी बाधा बने रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। सरकार का प्रयास है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लूट का धन लौटाना पड़े।
इसी संदर्भ में आगे उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए देश के दो लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचाए गए हैं।
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भाई-भतीजावाद पर चोट
-भाई-भतीजावाद के संस्थागत हो चुके स्वरूप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है।”
-उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में देश के खिलाड़ियों को पहले से अधिक पदक मिले हैं। यह प्रतिभाएं पहले भी भारत में थीं, लेकिन भाई-भतीजावाद के कारण वह नहीं उभर पायीं।
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