एक समय था, जब जेल को नर्क कहा जाता था, लेकिन अब वहां विभिन्न तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई की जा रही हैं। वैसे भी जेल अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है। बाहर रहने पर पुलिस और उनके दुश्मनों से हमेशा उनकी जान को खतरा बना रहता है, लेकिन जेल में पहुंचते ही वे पृथ्वी के सबसे सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाते हैं। अब उनके जीवन को और भी आसान बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इस बात की पुष्टि राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक(जेल) ने की है। सुनील रामानन्द के अनुसार अब कैदियों को चिकन, मटन, श्रीखंड, मिठाई, मेवा और भी बहुत कुछ मिलेगा। कैदियों के जीवन को सुखी और सुविधा संपन्न बनाने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया है।
कोरोना संकट की पृष्ठभूमि में प्रदेश के अतिरिक्त जेल महानिदेशक सुनील रामानंद ने पुणे में समीक्षा बैठक की। बाद में उन्होंने मीडिया को बताया कि कैंटीन में कैदियों के लिए उपलब्ध मूलभूत जरूरतों के अलावा और भी कई चीजें जोड़ी गई हैं। कैंटीन में ऐसे कुल 30 खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे।
मिलेंगे चिकन, मटन और श्रीखंड
फरसान, मिठाई, बेकरी की खास वस्तुएं, सूखे मेवे, मौसमी फल, दही, पनीर, लस्सी, शरबत, मांसाहारी खाद्य पदार्थ, कचौरी, चिकन, मछली, हलवा, लड्डू, चिवड़ा, चकली, करंजी, श्रीखंड, आम्रखंड, पापड़ी , अचार, समोसा, च्यवनप्राश, मैसूरपाक, जलेबी, पेड़े, चाय, कॉफी, फेस वाश, क्रीम, एनर्जी बार, नहाने का साबुन, अगरबत्ती, बूट पॉलिश, ग्रीटिंग कार्ड, मिक्स वेज, अंडा करी, वड़ा पाव , कॉर्नफ्लेक्स, बॉर्नविटा, चॉकलेट, उबले अंडे, पनीर मसाला, पूरनपोली, आंवला, कैंडी, मुरब्बा, गुलाब जामुन, आम, अमरुद, बादाम शेक, छाछ, दूध, गुड़, शुद्ध घी, मक्खन, खिचड़ी, गोंद के लड्डू, बेसन के लड्डू, आलू भाजी आदि।
कैदियों को मिलता है वेतन, मनीआर्डर भेजते हैं घर!
जो कैदी अपनी सजा काट रहे हैं, उन्हें जेलों में कई तरह की मेहनत करनी पड़ती है। बदले में उन्हें भुगतान किया जाता है। कई कैदी अपने परिवार को मनी ऑर्डर भी भेजते हैं। साथ ही जेल की कैंटीन में भी वे इस पैसे का इस्तेमाल करते हैं।
बहुमंजिला होगी आर्थर रोड जेल
राज्य के अतिरिक्त जेल महानिदेशक ने यह भी बताया कि मुंबई में बहुमंजिला आर्थर रोड जेल बनाने का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इससे जेल की क्षमता बढ़कर 5,000 हो जाएगी।
येरवडा परिसर में बनेगी एक और जेल
सुनील रामानंद ने बताया कि जब तक कोरोना संक्रमण है, तब तक मुक्त किए गए कैदियों को जेल में नहीं बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 4,342 कैदी कोरोना से संक्रमित थे। उनमें से, 4,157 कैदी ठीक हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि येरवडा परिसर में 5,000 की क्षमता वाली एक और जेल बनाने का भी प्रस्ताव है।