भारत में बहुसंख्यक हिंदुओं, सिखों, जैन, बौद्धों पर जबरन हलाल करके मुसलमान मनमानी कर रहे हैं, यह भारत की संप्रभुता के लिए खतरनाक है। इसी ‘हलाल’ के प्रमोशन के लिए 12 और 13 नवंबर को मुंबई में ‘हलाल शो’ का आयोजन किया गया है। इसका कड़ा विरोध करने के लिए 9 अक्टूबर को मुंबई के स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के संयोजक डॉ. उदय धुरी ने हलाल के प्रमोशन का कड़ा विरोध किया, वहीं अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. विजय जंगम, अखिल भारतीय खटीक समाज संघ के महाराष्ट्र प्रभारी विवेक घोलप भी उपस्थित थे।
हलाल भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रही है, भारतीय व्यापारियों को कैसे परेशान किया जा रहा है, कैसे मुस्लिम संगठन हलाल प्रमाणीकरण के माध्यम से धन एकत्र करते हैं और इसका उपयोग आतंकवाद के लिए करते हैं, हलाल के कारण मुस्लिम कट्टरता कैसे बढ़ रही है, इन सभी विषयों का खुलासा एंटी-हलाल फोर्स्ड काउंसिल में किया जाएगा। इस अवसर पर हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे द्वारा लिखित पुस्तक ‘हलाल जिहाद’ का प्रकाशन किया जाएगा। धूरी ने बताया कि इस कार्यक्रम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रणजीत सावरकर भी शामिल होंगे।
…तो खटीक समाज को मिलेगा महत्व
हलाल मांस खाना हिंदुओं और सिखों के लिए निषिद्ध है, लेकिन इन धर्मों में झटका मांस स्वीकार्य है। लेकिन मांस बेचने वाले ज्यादातर कारोबार पर मुसलमानों का नियंत्रण है। इस तरह वे बहुसंख्यक हिंदुओं को हलाल का मांस खिला रहे हैं। अखिल भारतीय खटीक समाज संगठन के महाराष्ट्र प्रभारी विवेक घोलप ने कहा कि अब इस बारे में हिंदुओं को एंटी-हलाल फोर्स्ड काउंसिल के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। इससे खटीक समाज के व्यवसाय को महत्व मिलेगा। हलाल का मुद्दा सिर्फ मीट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बिस्कुट, पानी, स्टेशनरी के व्यवसाय को भी हलाल सर्टिफिकेशन के लिए मजबूर किया जा रहा है। अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. विजय जंगम ने ये बात कही।