महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक रोड परियोजना से मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे को जोड़ने की योजना बनाई गई है। ऐसा होने पर मुंबई और पुणे के बीच की यात्रा आसान हो जाएगी। समय की बचत के साथ ही ईंधन भी बचेगा। इस योजना को पूरा करने के लिए नगर विकास विभाग ने 2 हजार 639 करोड़ रुपए के कर्ज को मंजूरी दी है।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक रोड (एमटीएचएल) जो मुंबई और नवी मुंबई को जोड़नेवाली महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका काम एमएमआरडीए के माध्यम से किया जा रहा है। इस लिंक रोड की दूरी 22 किलोमीटर है। इसमें 16.5 किलोमीटर का रास्ता समुद्र से और 5.5 किलोमीटर की सड़क जमीन से होकर गुजरेगी। इसका अनुमानित लागत खर्च 17 हजार 843 करोड रुपए है। राज्य सरकार ने एमटीएचएल परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था ”जायका” से लिए जानेवाले कर्ज के लिए 15 हजार 100 करोड़ रुपए की सीमित गारंटी दी है।
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सरकार नहीं लेगी ऋण भुगतान की गारंटी
नगर विकास विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले की उरण तहसील के चिर्ले गांव से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे तक एमटीएनएल विस्तार परियोजना वर्ष 2023 तक पूरी की जाएगी। इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए एमएमआरडीए को धन की आवश्यकता है। इस परियोजना के लिए मुंबई मेगासिटी स्कीम फंड से कुल 2 हजार 649 करोड़ रुपए ऋण जुटाने के एनएमआरडीए के प्रस्ताव को राज्य सरकार ने स्वीकृत किया है। हालांकि राज्य सरकार ऋण भुगतान की गारंटी नहीं लेगी। यह परियोजना मुंबई से नवी मुंबई और नवी मुंबई से पुणे और उससे आगे की यात्रा को गति देगी।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना
मेगासिटी स्कीम रिवॉल्विंग फंड से लिए गए कर्ज का उपयोग केवल एमटीएचएल विस्तार परियोजना यानी चिर्ले से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए किया जाना चाहिए। इस परियोजना के लिए गए ऋण की अदायगी की गारंटी सरकार नहीं देगी। एमएमआरडीए को आय के स्रोतों की समीक्षा कर आय बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी होगी। पहले लिए गए ऋणों को निर्धारित अवधि के भीतर चुकाया जाना चाहिए। कर्ज के लिए किसी भी सरकारी स्वामित्ववाली संपत्ति को गिरवी नहीं रखा जा सकता है।