कई मीडिया आउटलेट्स ने पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के लिए ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल किया। इसे गंभीरता से लेते हुए पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने निर्देश जारी किया कि अनुसूचित जाति के किसी भी व्यक्ति के लिए इस शब्द का इस्तेमाल न किया जाए।
आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने कहा कि संविधान या किसी कानून में ‘दलित’ शब्द का उल्लेख नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय पहले ही इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी कर चुका है।
न्यायालय के आदेश का दिया हवाला
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के 2018 के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उनके पदाधिकारियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के लिए ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
‘दलित’ के स्थान पर ‘अनुसूचित जाति’ का प्रयोग करें
तेजिंदर कौर ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों के लिए ‘दलित’ के बजाय ‘अनुसूचित जाति’ शब्द का उपयोग करने का निर्देश दिया था। कौर ने 13 सितंबर को मुख्य सचिव विनी महाजन को लिखे पत्र में कुछ गांवों, कस्बों और अन्य जगहों के नाम बदलने की सिफारिश की थी। इसका कारण यह है कि ये नाम जाति पर आधारित हैं।