स्वातंत्र्यवीर सारवकर प्रकरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ दायर परिवाद में न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। एमपीएमएलए के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने मामले में सुनवाई के लिए 6 जून की तारीख तय की है। उन्होंने हजरतगंज पुलिस को आदेश दिया की वह एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट न्यायालय को सौंपे।
एक महीने में सौंपे जांच रिपोर्ट
न्यायालय ने हजरतगंज के थाना प्रभारी को आदेश दिया की वह इस मामले की जांच किसी दारोगा से करवाये और एक महीने में जांच से न्यायालय को अवगत कराए। न्यायालय ने कहा कि मामला देखने से पता चलता है की राहुल गांधी दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि उनके द्वारा जिस मानहानिकारक बयान देने की बात कही गई है, वह महाराष्ट्र के अकोला का है। यह दोनों ही जगहें न्यायालय के क्षेत्राधिकार के बाहर है, लिहाजा ऐसे में पुलिस से जांच कराया जाना आवश्यक है।
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राहुल ने जानबूझकर वीर सावरकार का किया अपमान
सेंटर बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव नृपेंद्र पांडे ने न्यायालय में अर्जी दाखिल कर मुकदमा चलाने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जानबूझकर एक सोची-समझी रणनीति एवं षड्यंत्र के तहत राहुल गांधी ने 17 नवंबर, 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में भारतीय इतिहास के नायक स्वातंत्र्यवीर सावरकर की सार्वजनिक मंच से आलोचना की। अर्जी में यह भी कहा गया है कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर को राहुल गांधी ने निरंतर अंग्रेजों का पेंशनर, अंग्रेजों का नौकर, मददगार, अपनी रिहाई के लिए माफी मांगने वाला बताकर उन पर झूठे आरोप लगाए हैं।
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