रेलवे प्रशासन लखनऊ से गोरखपुर कैंट स्टेशन तक ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगाएगा। इससे रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी। ट्रेन चालकों को हर एक किलोमीटर की दूरी पर सिग्नल मिलता रहेगा।
रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए सिग्नल सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। लखनऊ से गोरखपुर कैंट स्टेशन तक ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लगाया जाएगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने बजट स्वीकृत कर दिया है। इसके अलावा सीतापुर-बुढ़वल रेलखंड के लिए प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा गया है।
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आवागमन में आसानी
ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के लगने से एक ही रूट पर एक के पीछे कई ट्रेनें चल सकेंगी। इससे ट्रेनों के आवागमन में काफी आसानी होगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। फिलहाल गोरखपुर से बाराबंकी तक डबल डिस्टेंसिंग सिग्नल लगाया जा रहा है। ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगने से ट्रेनों को बेवजह कहीं भी खड़ा नहीं होना पड़ेगा। सिग्नल से रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार के साथ ही संख्या भी बढ़ सकेगी। स्टेशन यार्ड से ट्रेन के आगे बढ़ते ही ग्रीन सिग्नल मिल जाएगा। एक ब्लॉक सेक्शन में एक के पीछे दूसरी ट्रेन आसानी से चल सकेगी।
बढ़ेगी क्षमता
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार का कहना है कि लखनऊ से गोरखपुर कैंट के बीच ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम लगाने का कार्य स्वीकृत हो गया है। इस सिस्टम से वर्तमान आधारभूत संरचना के साथ रेलवे लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी और ज्यादा ट्रेनें चल सकेंगी। साथ ही केंद्रीय कृत ट्रैफिक कंट्रोल से निगरानी भी हो सकेगी।