भारतीय रेलवे ने इस साल लगभग 9 हजार ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया। इनमें से 1 हजार 9 सौ से अधिक पिछले तीन महीनों में कोयले की आवाजाही के कारण रद्द की गईं।
आरटीआई में पूछे गये प्रश्न
चंद्रशेखर गौर द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत पूछे गये सवालों के जवाब में यह जानकारी सामने आई है। आरटीआई में पूछे गये प्रश्न के जवाब में बताया गया कि रेलवे ने मरम्मत या निर्माण कार्यों के लिए 6,995 ट्रेन सेवाओं को रद्द कर दिया, जबकि मार्च से मई तक कोयले की आवाजाही के चलते 1,934 सेवाएं रद्द कर दी गईं।
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अधिकारियों ने कहा कि बिजली की भारी कमी के कारण रेलवे को यात्री सेवाओं के बजाय कोयले की रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे को अगले कुछ वर्षों में 1,15,000 करोड़ रुपये से अधिक की 58 बेहद आवश्यक और 68 अहम परियोजनाओं को पूरा करने की राह पर है। इसलिए, रेलवे के नेटवर्क पर रखरखाव के साथ-साथ निर्माण कार्य को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जा रहा है।
हालांकि, इसने देश भर में यात्री ट्रेनों की आवाजाही को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, खासकर भीषण गर्मियों के महीनों के दौरान। आरटीआई के जवाब के मुताबिक, जनवरी से मई तक रेलवे ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की 3,395 सेवाओं को रद्द कर दिया, जबकि इसी अवधि के दौरान रखरखाव कारणों या निर्माण कार्यों के कारण 3 हजार 6 सौ यात्री ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गईं। मई के महीने में ही, रखरखाव या निर्माण कार्य के कारण 1,148 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं और 2,509 यात्री सेवाएं रद्द कर दी गईं।
जबकि जनवरी और फरवरी में, कोयले की आवाजाही के कारण कोई ट्रेन सेवाएं रद्द नहीं की गईं, पिछले तीन महीनों में कोयला रेक को प्राथमिकता देने के कारण 880 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं और 1,054 यात्री ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गईं।
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